सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश में देश भर के वकीलों की डिग्री जांच का आदेश दिया है ,चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता और भरोसा पर जोर देते हुए कहा कि सभी वकीलों की डिग्री-सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी
HNS24 NEWS April 12, 2023 0 COMMENTSरायपुर : सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश में देश भर के वकीलों की डिग्री जांच का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता और भरोसा पर जोर देते हुए कहा कि सभी वकीलों की डिग्री-सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट क्यों करवा रहा वकीलों की डिग्री की जांच !
जानिये कौन और कैसे करेगा वेरिफिकेशन सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की डिग्री जांच के लिए 8 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी को 31 अगस्त तक रिपोर्ट देनी है।सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश में देश भर के वकीलों की डिग्री जांच का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता और भरोसा पर जोर देते हुए कहा कि सभी वकीलों की डिग्री-सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी। न्यायालय ने इसके लिए 8 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी भी बनाई है। कमेटी के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस दीपक गुप्ता होंगे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच वकील अजय शंकर श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के वकीलों के सत्यापन से जुड़े एक आदेश को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों के सत्यापन प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को ध्यान में रखते हुए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी अपनी सहूलियत के अनुसार काम शुरू कर सकती है और 31 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट क्यों करवा रहा जांच? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्टेट बार काउंसिल में रजिस्टर्ड वकीलों का उचित सत्यापन न्याय की रक्षा के लिए बहुत जरूरी है। यह सुनिश्चित करना देश के प्रत्येक सच्चे वकील का कर्तव्य है कि उनके एजुकेशनल सर्टिफिकेट विधिवत सत्यापित हों। यदि समय-समय पर यह प्रैक्टिस नहीं की जाती है तो न्याय प्रक्रिया एक गंभीर संकट में होगा। बगैर शुल्क सत्यापन का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि तमाम विश्वविद्यालय अथवा परीक्षा बोर्ड बिना किसी शुल्क के डिग्रियों के सत्यापन में मदद करें। यदि स्टेट बार काउंसिल कोई दस्तावेज मांगता है तो मुहैया कराएं। कौन-कौन करेगा डिग्री की जांच ! सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की डिग्री, एनरोलमेंट सर्टिफिकेट और शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच के लिए जो गठित उच्चस्तरीय समिति बनाई है, उसके अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय के पूर्व जज जस्टिस दीपक गुप्ता हैं। वहीं, कमेटी में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अरुण टंडन, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस राजेंद्र मेनन, सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी और मनींद्र सिंह शामिल हैं। साथ ही बीसीसीआई भी 3 सदस्यों को नामित करेगा। बीसीआई के किस आदेश पर है विवाद? बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने साल 2015 में वकीलों के सत्यापन के लिए बीसीसीआई सर्टिफिकेट और प्लेस ऑफ प्रैक्टिस (वेरीफिकेशन) रूल्स 2015 बनाया था। वकीलों के सत्यापन का काम बीसीआई और स्टेट बार काउंसिल कर रही थी। बाद में इसे कई हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और मामला सुप्रीम कोर्ट गया। बाद में बीसीआई ने डिग्री के सत्यापन के लिए एक कमेटी बनाई। लेकिन यूनिवर्सिटी और बोर्ड डिग्री सत्यापन के लिए शुल्क की मांग कर रहे थे। ऐसे में सत्यापन का काम अधर में पड़ गया। 16 लाख से 25 लाख हुई वकीलों की संख्या सुप्रीम कोर्ट ने सत्यापन का आदेश देते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि पहले अधिवक्ताओं की संख्या 16 लाख थी, लेकिन वर्तमान में यह बढ़कर करीब 25.70 लाख होने तक पहुंच गई है।