November 22, 2024
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रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने आदिवासी अंचल बस्तर संभाग में ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सेवा योजना’ से कुछ बड़ी बीमारियों को निजी अस्पतालों के इलाज की सूची से अलग कर दिए जाने के प्रदेश सरकार के फैसले पर कड़ा एतराज जताया है। उसेंडी ने कहा कि एक ओर सरकार खुद को आदिवासियों व गरीबों की मसीहा बताती है, वहीं दूसरी ओर बस्तर के लोगों की यह महती स्वास्थ्य सुविधा छीनकर प्रदेश सरकार ने अपने ग़रीब विरोधी चरित्र का परिचय दिया है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष उसेंडी ने कहा कि प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में स्मार्ट कार्ड द्वारा प्रदेशभर की जरूरतमंद जनता का निःशुल्क उपचार हो रहा था। तब बस्तर में मलेरिया, टाइफाइड, चर्मरोग और यूरिन इन्फेक्शन का काफी प्रकोप था और निजी अस्पतालों में मरीजों को इन बीमारियों के निःशुल्क परीक्षण व इलाज की सुविधा मिल रही थी। लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के सत्तारूढ़ होते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने इन बीमारियों को निजी अस्पतालों के इलाज की सूची से हटाकर केवल सरकारी अस्पतालों में इनके इलाज का आदेश जारी किया। उसेंडी ने कहा कि प्रदेश सरकार एक तरफ तो इस योजना के तहत लोगों के इलाज का ढोल पीट रही है, वहीं दूसरी तरफ वह पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की इस आदिवासी हितैषी योजना में अड़ंगा लगाकर अपनी आदिवासी-गरीब विरोधी चेहरा दिखा रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष उसेंडी ने कहा कि अब स्थिति यह है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जारी लॉकडाउन में सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद है और केवल आपात चिकित्सा के लिए ही मरीजों को इन अस्पतालों में प्रवेश मिल रहा है। ऐसी विषम परिस्थिति में मलेरिया, टाइफाइड, चर्मरोग और यूरिन इन्फेक्शन के मरीजों को निःशुल्क इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है और बस्तर के आम आदिवासी-गरीब निजी अस्पतालों में इस सुविधा के बंद होने के कारण अब खुद को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं। श्री उसेंडी ने कहा कि कोरोना संकट के चलते लोगों के पास तो रोजी-रोटी का ही बड़ा संकट मुँह बाए खड़ा है और सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद होने के कारण इन बीमारियों का इलाज फिलहाल हो नहीं रहा है। जाहिर है कि निजी अस्पतालों के इलाज की सूची से हटाई गईं बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को तो अब निजी अस्पतालों में अपने इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष उसेंडी ने कहा कि आदिवासी अंचल बस्तर संभाग में इन दिनों मलेरिया के प्रकोप की खबरें सुर्खियों में हैं और सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद रहे से गरीब आदिवासी परिवारों को इलाज मुहैया नहीं हो पा रहा है। उसेंडी ने कहा कि प्रदेश की भूपेश-सरकार तत्काल इन सभी बीमारियों को पुनः निजी अस्पतालों के इलाज की सूची में शामिल करने का आदेश देकर गरीब आदिवासियों के निःशुल्क इलाज की सुविधा बहाल करे।

HNS24 NEWS

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