रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जल जीवन मिशन के संबंध में विधानसभा में प्रश्न लगाया गया था और प्रश्न में भ्रष्टाचार की जो बात आई, जिसमें विभागीय मंत्री जी के द्वारा मुख्य अभियंता अधीक्षण अभियंता कार्यपालन अभियंता सहायक अभियंता की कमेटी बनाई गई, जांच में भ्रष्टाचार की शिकायत को सही पाया गया और बिलासपुर के तत्कालीन ईई को निलंबित किया गया। जिसमें मुख्य रूप से जो गुणवत्ता होनी चाहिए, वह नहीं पाई गई। उसके बाद भी ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया। पाइप लाइन जो बिछा नहीं है जो गहराई होनी है वह भी नहीं हुई, उसके बाद भी इस प्रकार से उसमें सही मानक नहीं पाए गए । मंत्री जी से हम लोगों ने जवाब चाहा कि जो अधिकारी इसका भुगतान किए हैं और भुगतान करने वाले अधिकारी कौन हैं, ठेकेदार कौन हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी ।मंत्री जी जवाब देने से बचते रहे और अंततः उनका जवाब नहीं आया। हम लोगों ने एसआईटी गठन की मांग की। यहां पर इतनी महत्वपूर्ण योजना, घर-घर पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री जी के द्वारा राशि दी गई है, उसकी बंदरबांट हो रही है। पूरे प्रदेश में एसआइटी जांच कराने की मांग हम लोगों ने की और मंत्री अधिकारियों को बचाते रहे और उनके जवाब से असंतुष्ट होकर हमने विरोध किया। भ्रष्टाचार का मामला प्रमाणित हुआ है। अफसर को सस्पेंड किया गया है लेकिन आगे की कार्रवाई करने की जगह उसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है।