आजादी के अमृत काल में मोदी सरकार की दूरगामी सोच से महिलाओं का भविष्य हुआ सुरक्षित : अमर अग्रवाल
HNS24 NEWS November 10, 2022 0 COMMENTSरायपुर : पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने जारी विज्ञप्ति में महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं भारतीय जनता पार्टी की सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।आजादी के बाद से तुलनात्मक रूप से पिछले 8 वर्षों में महिला सशक्तिकरण के प्रयासों में देश लगातार आगे बढ़ रहा है। आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला द्रौपदी मुर्मू जी को भारत का राष्ट्रपति बनाना, सुश्री अनुसुइया उइके को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल बनाना या फिर केंद्र सरकार में वित्त मंत्री के रूप में प्रभावी भूमिका निभा रही श्रीमती निर्मला सीतारमण या फिर हमारे बीच हुंकार रैली में शामिल होने आ रही केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती विनीता खन्ना महिला सशक्तिकरण का वैश्विक रोल मॉडल है। अग्रवाल ने कहा कि देश मे महिला नेतृत्व व विकास के कारण हमारी करोड़ों माताओं, बहनों और बेटियों का जीवन आसान हो गया है,आज वे देश के उत्थान में बढ़-चढ़कर योगदान दे रही हैं। मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अनेक ऐतिहासिक आयाम महिलाओं की प्रगति और विकास के संदर्भ में हासिल किया है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से लेकर मुद्रा और उज्ज्वला जैसी योजनाओं ने महिलाओं को देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने का मंच प्रदान किया है।बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का देश के पूरे 640 जिलों में विस्तार से आज हमारे बेटियां बेटों के साथ बढ़-चढ़कर कैरियर निर्माण में आगे आ रही हैं। बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए 2015 से सुकन्या समृद्धि योजना तहत देश में 1.26 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुल चुके हैं, जिनमें 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा हुई है।महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को रोकने के लिए मोदी सरकार कड़े से कड़े कदम उठाये गए, सरकार ने मासूमों पर होने वाले जघन्य अपराध से जुड़े POCSO एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) में बदलाव कर बच्चियों से रेप के दोषियों के लिए फांसी तक की सजा का प्रावधान किया है। मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाने का साहस मोदी सरकार ने ही दिखाया और सदियों से चली आ रही तीन तलाक की कुप्रथा के खात्मे मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक लाया। विवाह के लिए युवतियों की आयु में बढ़ोतरी से लैंगिक समानता और महिला स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर वातावरण बंन सका है।
महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के इरादे से ही महिला ई-हाट की शुरुआत की गई है।प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत अब तक 31.5 करोड़ ऐसे खाते खुल चुके हैं। जन धन योजना में 16.5 करोड़ महिलाओं को लाभ मिल रहा है।प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बगैर बैंक गारंटी के लोन पाने वालों में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। सुरक्षित मातृत्व योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की जीवन सुरक्षा के लिए निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है। महिलाओं की सामाजिक भागीदारी को सशक्त बनाने और उनकी सक्षमता अभिवृद्धि के लिए महिला शक्ति केंद्र स्थापित किया जा रहा है। अमर अग्रवाल ने कहा भारत सरकार की दूरगामी सोच के प्रयासों से आज महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में भागीदारी कर रही है। उन्होंने कहा महिलाओं के बिना व्यक्ति, परिवार और समाज के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है|समाज के विकास का सीधा सम्बन्ध उस समाज की महिलाओं के विकास से जुड़ा होता है।राज्य निर्माण के आरंभिक 3 वर्षों के कुशासन के बाद डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने प्रदेश की महिलाओं में नए आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को लेकर अनेक कार्य किये। श्री अमर अग्रवाल ने कहा जब से प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार आई है, प्रतिवर्ष क्राईम रिकॉर्ड के आंकड़े उठाकर के देख ले महिलाओं के संरक्षण और विकास संबंधी गतिविधियां हाशिये पर आ कगई है। महिलाओं के विरुद्ध अपराध में दिनोंदिन वृद्धि हो रही है। बलात्कार की घटनाएं आम हो गई है,कामकाजी महिलाओं को यौन दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है, लैंगिक असमानता का बोलबाला है, लव जिहाद के प्रकरण भी दिखाई पड़ते हैं, सामाजिक आर्थिक मोर्चे पर महिलाओं को पुरुषों के बराबर हक दिलाने में राज्य की सरकार पूरी तरह विफल रही है। आदिवासी इलाकों में सैकड़ों महिलाएं लापता हो जाती है, मानव तस्करी का शिकार हो रही है जिनका राज्य सरकार के पास कोई हिसाब-किताब नहीं है। महिलाओं के रोजगार और उनके समग्र विकास के संबंध में कोई योजना नहीं है, महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर भी सरकार गंभीर नहीं है। आंकड़े बाजी में माहिर राज्य सरकार का कुपोषण की समस्या का वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है। महिलाओं ने शराबबंदी के लिए सरकार से अपेक्षा की थी ,सरकार अपने घोषणा पत्र में उल्लेख किया,वादा निभाने की बजाय चार सालो से बहानेबाजी कर रही है। नशाखोरी से महिलाओं को घरेलू प्रताड़ना का शिकार होना पड़ रहा हैं, सुदूर और पिछड़े क्षेत्रों में महिलाओं के हालात पर सरकार के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। महिलाओं के लोकतांत्रिक अधिकार और राजनीतिक सहभागिता को वास्तविकता में देखा जाए तो नगरीय निकाय हो या पंचायत हो या फिर संसदीय क्षेत्र या विधानसभा क्षेत्र ,महिला विधायकों, सांसदों और प्रतिनिधियों के नाम पर संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
मातृशक्ति के अधिकारों तिरस्कार राज्य सरकार के द्वारा किया जा रहा है। सैकड़ो की संख्या में शिक्षाकर्मियों विधवाएं रायपुर के बूढ़ा तालाब में आंदोलन कर रही है उनको सरकार अनुकंपा नियुक्ति नहीं दे पा रही है। 30,000 से ज्यादा स्वयं सहायता समूह की हजारों महिला परिवार रेडी टू ईट योजना में मिल रहे रोजगार को ठेका कंपनी के नाम पर हस्तांतरित किए जाने से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। प्रदेश के वन इलाकों में तेंदूपत्ता एवं लघु वनोपज का संग्रहण करने वाली महिलाओं की मूलभूत आवश्यकताओं एवं सुरक्षा के संबंध में सरकार का कोई ध्यान नहीं, आपदा, महामारी से प्रभावित महिलाओं को मुआवजा तक सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है।
आज प्रदेश की मातृशक्ति अपने अधिकारों के लिए प्रदेश की बहरी सरकार को हुंकारी कारी भरकर किए गए वादों की याद दिला रही है,आने वाले समय के लिए हमारी माताओ और बहनो ने संकल्प ले लिया है कि वे स्नेह एवम आशीर्वाद से छतीसगढ़ में सशक्त नेतृत्व वाली भाजपा सरकार बनाएगी है जो प्रदेश के विकास के महिलाओं की भागीदारी से बनेगी, तभी देश का सर्वांगीण विकास का सफर में आजादी के अमृतकाल मे छत्तीसगढ़ निर्माण का ध्येय सही मायनों में खरा उतर सकेगा।