November 22, 2024
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रायपुर। झारखंड का सियासी संकट गहराता जा रहा है। लिफाफे में बंद शिबू सोरेन सरकार के भविष्य का फैसला कभी भी हो सकता है। इसी वजह से सरकार बचाने कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है और फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। यही वजह है कि रायपुर के होटल में विधायकों के साथ ठहराए गए झारखंड के मंत्रियों को वापस ले जाने वहां से एक और मंत्री को भेजा गया। गुरुवार को झारखंड में कैबिनेट की बैठक है, जिसमें शामिल होने का हवाला देते हुए इन मंत्रियों को बुलाया गया है।
छत्तीसगढ़ में झारखंड के विधायक रायपुर में मंगलवार शाम से डेरा डाले हुए हैं। बुधवार को झारखंड के मंत्री सत्यानंद भोक्ता और विधायक प्रदीप यादव रायपुर पहुंचे। वे यहां ठहरे चार मंत्री आलम गिर आलम, बन्ना गुप्ता, राजेश्वर ओराम और बादल पत्रालेख को लेकर वापस रवाना हुए। इन मंत्रियों ने कहा, गुरूवार को कैबिनेट की बैठक मे शामिल होने के बाद वापस आना हो सकता है। भाजपा विधायकों की खरीद फरोख्त करती है। कई राज्यों में ऐसा हुआ है, इसलिए हम यहां आए है। सब एकजुट है कोई खतरा नहीं है। पूरे हिंदुस्तान में हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है। महागठबंधन को कोई डर नहीं है।
गौरतलब है, मंगलवार को झारखंड के 32 विधायक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के मेफयर होटल में पहुंचे थे। बुधवार को झारखंड के मुख्यमंत्री यहां आने वाले थे, लेकिन उन्होंने दो मंत्रियों को यहां भेजा। वे यहां से चार मंत्रियों को लेकर वापस रांची रवाना हुए हैं। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल से सदस्यों के साथ कैबिनेट की बैठक के बाद गुरूवार को रायपुर आ सकते हैं। बुधवार को दिनभर विधायकों के यहां होने के कारण सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। सभी विधायकों के मोबाइल जमा करा लिए गए हैं।
मुख्यमंत्री के करीबियों को जिम्मेदारी
झारखंड के सत्ताधारी दल के विधायकों को हार्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए रायपुर लाया गया है। यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की टीम पूरी मुस्तैदी के साथ झारखंड की सरकार को बचाने की दिशा में काम कर रही है। मुख्यमंत्री के करीबी नेताओं को नवा रायपुर के रिजार्ट में विधायकों की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है। इनमें कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, खनिज निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, और अन्य नेता शामिल हैं। मुख्यमंत्री पूरी ताकत के साथ हेमंत सोरेन सरकार को बचाने की जुगत में लगे हुए हैं।

HNS24 NEWS

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