बूढ़ातालाब धरनास्थल पर बड़ी संख्या में कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए
HNS24 NEWS August 22, 2022 0 COMMENTSरायपुर : महंगाई भत्ता और सातवें वेतन के अनुसार गृहभाड़ा भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारी संगठनों ने सोमवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के आव्हान पर प्रदेशभर के लगभग पांच लाख अधिकारी-कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इंद्रावती भवन के सामने से फेडरेशन ने हड़ताल की शुरुआत की। बूढ़ातालाब धरनास्थल पर बड़ी संख्या में कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। हड़ताल को करीब 91 संगठनों का समर्थन है। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कहा, संवादहीनता और उपेक्षा के कारण अनिश्चितकालीन हड़ताल की नौबत आई है। यह मांग पूरी होने तक जारी रहेगी। इधर, सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कर्मचारी हित में कई फैसले लेने के बाद भी कोई आंदोलन करना चाहे, तो उनकी मर्जी।
प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के संरक्षक विजय कुमार झा तथा न्यायिक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष युद्धेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि सोमवार को पूरे प्रदेश में आंदोलन सफल रहा। राजधानी के न्यायिक कर्मचारी सप्रे शाला मैदान में एकत्र होकर रैली की शक्ल में धरनास्थल पर पहुंचे। राजधानी के वन विभाग, राजस्व विक्रय कर, लोक निर्माण, शिक्षा विभाग, पीडब्ल्यूडी, पीएचई, जल संसाधन विभाग, न्यायालय, संचालनालय, कलेक्टोरेट, तहसील, कोषालय, पंचायत आदि बंद रहे। शालाओं में पढ़ाई ठप रही। कर्मचारी नेताओं ने धरनास्थल पर संबोधित करते हुए कहा, वादाखिलाफी, महंगाई भत्ते की किस्त में अंतर तथा देय तिथि में अंतर रखकर मंत्रालय के अधिकारियों ने हड़ताल न करने वालों को मुख्यमंत्री से मिलाकर प्रदेश के उन हड़ताली कर्मचारियों को, जो 25 से 29 जुलाई तक हड़ताल में थे, उन्हें अपमानित किया गया। इससे नाराज कर्मियों ने सोमवार को पूरी ताकत से हड़ताल को सफल बनाया है।
सीएम से मुलाकात नहीं : कमल वर्मा
फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कहा कि आंदोलन हमने खड़ा किया है। लोगों को गुमराह करते हुए आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की जा रही है, लेकिन नाकाम रहे। कुछ लोगों को मुख्यमंत्री के सामने खड़ा कर षडयंत्र किया गया। हमारी मुख्यमंत्री से कोई मुलाकात नहीं हुई है। हमारी बात जब तक नहीं सुनी जाएगी, हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करते रहेंगे। उन्होंने कहा, हम अपने हक और अधिकार के लिए यह लड़ाई लड़ रहे हैं। ये मांग नहीं अधिकार है। हम सभी जानते हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उस प्रवृत्ति के नहीं हैं कि वो किसी को निलंबित या बर्खास्त करें। उन्होंने कहा, मैं उन लोगों से क्षमा मांगता हूं, जिनके कार्य हमारे हड़ताल की वजह से प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन इसकी जिम्मेदार सरकार है।
आज सभी जिलों, तहसीलों में धरना
हड़ताल में शामिल प्रदेश के कर्मचारी मंगलवार को भी प्रातः 11 बजे से सभी जिला, तहसील, विकासखंडों तथा रायपुर राजधानी के बूढ़ातालाब धरनास्थल पर धरना देंगे। अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी संगठन से जुड़े लोग अपने जिलों में धरना-प्रदर्शन करेंगे।
सीएम ने कहा- लगातार कर्मचारियों के हित में फैसले
छत्तीसगढ़ में कर्मचारी संगठनों की हड़ताल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कर्मचारियों की मांग पर महंगाई भत्ता बढ़ा दिया। पुरानी पेंशन योजना लागू की। सप्ताह में पांच दिन ही काम की छूट दी। कर्मचारियों के हित में लगातार फैसले कर रहे हैं। इतना करने के बाद भी कोई हड़ताल करना चाहे तो उसकी इच्छा है। इसके बाद शासन अपना काम करेगा। एयरपोर्ट पर प्रेस से चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा, कर्मचारियों से बातचीत के बाद ही 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया गया। आधे संगठनों ने इसका स्वागत किया है। दूसरे संगठन के लोग भी मुझसे मिलने आए थे। उनका कहना था एक परसेंट और बढ़ा दीजिए। यह सौदेबाजी थोड़े हो रही है। अर्थव्यवस्था को देखते हुए हमने बढ़ाया है।
रमन ने हड़ताल को ठहराया जायज
इधर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कर्मचारियों के आंदोलन को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में जिनके पास रोजगार है, वे भी दुखी हैं। जो बेरोजगार हैं, वे भी दुखी हैं। कर्मचारी अपने डीए की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, जो कि जायज है। केंद्र सरकार जब 34 प्रतिशत डीए दे रही है तो राज्य सरकार क्यों उसमें कटौती कर रही है। मध्यप्रदेश में 34 प्रतिशत डीए हो गया है। छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की मांग का आधा ही दिया गया है।