रायपुर, 21अगस्त 2022/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के किसानों ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना पर विश्वास व्यक्त किया है। छत्तीसगढ़ के किसानों को इस योजना का लाभ मिलता रहेगा। योजना बंद नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने आज किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के तहत राशि अंतरण के कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जिलों के किसानों से वर्चुअल माध्यम से हुई चर्चा के बाद यह बात कही।
किसानों ने मुख्यमंत्री से यह आग्रह किया था कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से उन्हें आर्थिक लाभ हो रहा है। यह योजना चलती रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी के रूप में धान उत्पादक किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़, सुगंधित धान तथा खरीफ की अन्य फसल लेने वाले किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ और वृक्षारोपण करने वाले किसानों को 3 वर्ष तक 10 हजार प्रति एकड़ के मान से राशि दी जाएगी। इस योजना का किसानों को अधिक-से-अधिक संख्या में लाभ लेना चाहिए। किसानों ने कहा कि बीज निगम में पंजीयन कराने के बाद सुगंधित धान बेचने पर उन्हें अच्छा फायदा हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दंतेवाड़ा जिले के धान एवं अन्य फसल लेने वाले किसान सर्वश्री श्याम लाल यादव और सुगंधित धान की खेती करने वाले राम नाग, दुर्ग जिले के पाटन के धान की खेती करने वाले किसान योगेश साहू और महेन्द्र कुमार वर्मा, बेमेतरा में धान की खेती करने वाले बहाल राम वर्मा और ऋषि वर्मा तथा राजनांदगांव के सुगंधित धान की खेती करने वाले राजकुमार और संजय से बात की। दंतेवाड़ा के किसान श्याम लाल यादव ने कहा कि वे 20 एकड़ में खेती करते हैं। धान, मक्का, कोदो और रागी की फसल लेते हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए 45 हजार रूपए प्राप्त हुए हैं, उन्हें 18 लाख रूपए का वर्मी कम्पोस्ट बेचा है और मछली बेचकर 3 लाख 20 हजार रूपए की कमाई की है। श्याम लाल गौठान समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बताया कि गौठान में वर्मी कम्पोस्ट के साथ मुर्गी पालन, बकरी पालन, मछली पालन, मशरूम और सब्जी की खेती समूहों द्वारा की जा रही है।
दंतेवाड़ा के ही नाग ने बताया कि वे तीन एकड़ में सुगंधित धान की खेती करते हैं। बेमेतरा के बहाल राम वर्मा ने बताया कि उन्हें किसान न्याय योजना में पहली और दूसरी किश्त में दो बार 36 हजार 500 रूपए की राशि मिली है। उन्होंने बताया कि खेती के लिए ट्रेक्टर और अपने कॉलेज जाने वाले बेटे के लिए स्कूटी खरीदा है। अनेक किसानों ने बताया कि वे पहले से ही वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर उसका उपयोग खेती में कर रहे हैं। दुर्ग जिले के योगेश साहू ने बताया कि 27 एकड़ में वे सब्जी की खेती कर रहे है, इसमें 56 हजार रूपए का फायदा हुआ है। 8 एकड़ में वे जैविक खेती कर और भाटा-तोराई, ब्रोकली की फसल ले रहे हैं। सी-मार्ट में भाटा की कीमत 50 रूपए प्रति किलो मिल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्मी कम्पोस्ट के लिए उन्होंने सर्टिफिकेशन कराया है, उनके पास 30 देशी गाय हैं। वे गो-मूत्र एकत्रकर वे कीटनाशक भी तैयार करते हैं। दुर्ग पाटन के ही महेन्द्र वर्मा ने बताया कि 14 एकड़ में खेती करते हैं और उन्हें दोनों किश्तों में हर बार 31 हजार 500 रूपए मिले हैं। मोहन लाल यादव 30 एकड़ में खेती करते हैं, इस बार 8 एकड़ में हाईब्रिड टमाटर लगा रहे हैं। राजनांदगांव के राजकुमार साहू ने बताया कि वे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित सुगंधित धान सीजी-देवभोग की खेती किए हैं, जिसमें 22 से 23 क्विंटल का उत्पादन हुआ। बीज निगम में उन्होंने पंजीयन कराया था, जिससे उन्हें 44 हजार 700 रूपए मिले हैं। संजय कुमार वैष्णव ने बताया कि उन्होंने 5 एकड़ में सुगंधित धान बासमती की खेती की। 70 क्विंटल धान बेचा और उन्हें दो लाख 10 हजार रूपए की राशि मिली।
*अयोध्या में 1200 एकड़ में बोया गया है सुगंधित धान ‘सीजी-देवभोग‘*
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा विकसित की गई सुगंधित धान की किस्म ‘सीजी-देवभोग‘ अयोध्या में 1200 एकड़ में बोया गया है। कृषि विश्वविद्यालय की सफलता पर मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।