रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र में भाजपा ने खाद-बीज की किल्लत पर स्थगन प्रस्ताव लाया। भाजपा सदस्यों ने कहा, दोगुनी कीमत पर किसानों को खाद-बीज की खरीदी करनी पड़ रही है। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, मांग की तुलना में केंद्र से खाद का आवंटन बेहद कम है। खाद बीज की कमी की वजह से किसी किसान ने आत्महत्या नहीं की है। सात लाख क्विंटल बीज का आवंटन किसानों को किया जा चुका है। यह पिछले वर्ष से चार प्रतिशत ज्यादा है। केंद्र से जितनी मांग की गई थी, अप्रैल महीने में 55 प्रतिशत कम आबंटन किया। स्थगन प्रस्ताव को आसंदी के अस्वीकार करते ही विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
स्थगन प्रस्ताव को लेकर सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। भाजपा विधायकों ने सदन में नारेबाजी करते हुए विरोध दर्ज कराया। स्थगन प्रस्ताव स्वीकार किया जाए जा नहीं, इस पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में खेती किसानी का मौसम है। किसानों की समस्या को लेकर हमने स्थगन दिया, जिसमें खाद, बिजली, पेस्टीसाइज और वर्मी कंपोस्ट कम्पोस्ट का मामला है। सदन में उसकी ग्राहृता पर नहीं, बल्कि ग्राह्य कर इस चर्चा होनी थी, लेकिन सरकार में नैतिक साहस नहीं है। इसलिए ग्राह्यता पर चर्चा करा रही है। यही स्थिति रही तो प्रदेश खुशहाल किसानों की वजह से नहीं बल्कि किसानों की आत्महत्या की वजह से जाना जाएगा।
कृत्रिम कमी बता कर रहे कालाबाजारी- रमन
पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा, सवाल इस बात का है कि कृत्रिम कमी कर क्राइसेस पैदा किया जा रहा है। 15 सालों में बनाई हमारी व्यवस्था को अलग कर दिया गया है। पूरे छत्तीसगढ़ का किसान खेत में नहीं सोसाइटी में धरना-प्रदर्शन करता मिलेगा। किसी सोसाइटी में 500 बोरी वितरण की व्यवस्था है, तो वहां दो हजार लोग आ जाते हैं। कृषिमंत्री इस बात का जवाब दें कि धान का कितना रकबा बढ़ा। तीन सालों में यदि रकबा बढ़ा है, उसके अनुपात में केंद्र से कितने उर्वरक की मांग की गई।
खाद-बीज के लिए चक्कर लगा रहा किसान
भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, छत्तीसगढ़ में सरकार है या नहीं? खेती करने की बजाय किसान खाद-बीज लेने चक्कर लगा रहा है। बीज निगम के पास पैसा नहीं है। सौ करोड़ रुपए के लोन के लिए आवेदन किया गया है। सरकार की सोसाइटी में खाद नहीं है, लेकिन खुले बाजार में बिक रहा है। केंद्र खाद का पर्याप्त आवंटन कर रहा है। केंद्र से अब तक 85 प्रतिशत खाद राज्य सरकार को मिल चुकी है।
खाद बांटने का मैनेजमेंट ठीक नहीं
भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने कहा, सरकार का खाद बांटने का मैनेजमेंट ठीक नहीं है। अमानक बीज मिल रहा है। किसानों के साथ अधिकारी अभ्रदता से पेश आ रहे हैं। बिजली कटौती की वजह से किसानों के पंप नहीं चल रहे। कांग्रेस सरकार ने कहा था बिजली बिल हाफ होगा। यहां तो बिजली ही हाफ हो गया।
खाद आबंटन की नीति अस्पष्ट
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, खाद आवंटन के लिए सरकार के पास कोई स्पष्ट नीति नहीं है कि कितनी खाद खुले बाजार में जाएगी और कितनी सोसाइटियों में जाएगी। कृषि विभाग के अधिकारी सिर्फ गोबर खरीदी में ध्यान दे रहे हैं। सरकार के संरक्षण में खाद की कालाबाजारी के संगठित धंधे चल रहे हैं।
कालाबाजारी रोकने कार्रवाई-चौबे
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, पिछले वर्ष की तुलना में राज्य के किसानों को अधिक मात्रा में उर्वरक आवंटित की गई है। खाद की कालाबाजारी रोकने दुकानों के खिलाफ 67 दुकानदारों पर कार्रवाई की गई है। 20 के लायसेंस निरस्त किए गए। 3 पर एफआईआर किया गया। किसानों की तुलना में बाज़ार में खाद बीज उपलब्ध कराई जा रही है। किसानों को वर्मी कंपोस्ट के इस्तेमाल के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।
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