November 22, 2024
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  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल

रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन पीएम आवास योजना पर विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि उनके यह प्रश्न लगाने के बाद ही मंत्री सिंहदेव को दुखी होकर इस्तीफा देना पड़ा। मंत्री ने अपने पत्र में खुद ही स्वीकार किया है कि इस सरकार के कार्यकाल में एक भी घर नहीं बना। यह सरकार की सबसे बड़ी विफलता है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, इसमें संशोधन कर लीजिए। उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। सत्तापक्ष की ओर से भाजपा विधायकों के घड़ियाली आंसू बहाए जाने की बात कही गई, जिससे असंतुष्ट होकर भाजपा विधायकों ने वॉकआउट किया।
प्रश्नकाल में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पूछा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक कितने आवास स्वीकृत हुए थे और कितने में काम पूरा हो गया। उन्होंने कहा, प्रदेश में आवास योजना का बुरा हाल है। मेरे पास ऐसे कई पत्र हैं, जिसमें केंद्र की ओर से भी इस योजना को लेकर राज्य को लिखा गया है। इसमें बार-बार आवास योजना की अनदेखी के बारे में चेताया गया। किसी पत्राचार का जवाब तक नहीं दिया गया। अंत में केंद्र सरकार ने पैसा वापस ले लिया। कोई मकान नहीं बना। स्वीकृत पीएम आवास में लगभग 8 लाख मकान नहीं बने हैं। यहां राज्य सरकार भाजपा सरकार के कार्यकाल के आंकड़े बता रही है। अपने कार्यकाल के बताएं। मंत्री ने कहा आपके समय का 35 हजार आवास अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है।
केंद्र सरकार ने ऋण लेने में भी अड़ंगा लगाया
मंत्री टीएस सिंहदेव की गैरमौजूदगी में मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि 2019-20 के आवास निर्माण के लिए मंत्रिपरिषद की बैठक में 762 करोड़ का ऋण लेने का प्रस्ताव मंजूर हुआ। पंजाब नेशनल बैंक ने इसमें रुचि दिखाई। तभी रिजर्व बैंक का कहना था कि ऋण लेने वाली बॉडी को अपने स्रोतों से कर्ज की भरपाई करने लायक होना चाहिए। इस तरह रिजर्व बैंक ने उस पर रोक लगा दी। अब ग्रामीण आवास की बॉडी के पास आय का ऐसा कोई स्रोत तो है नहीं। स्टेट बजट से देने पर मनाही है। तो फिर यह कर्ज नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा, भारत सरकार हमारे जीएसटी और दूसरी मदों का पैसा देती नहीं है, इस तरह का अडंगा लगाती है। उसको तो आप लोग कुछ कहते नहीं हैं। केंद्र से मिलने वाली राशि दिलाने में पहल नहीं करेंगे और यहां घड़ियाली आंसू बहाएंगे। इस पर सदन में मचे शोर शराबा के बीच बाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया।

HNS24 NEWS

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