November 22, 2024
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  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल

रायपुर : छत्तीसगढ़ में लोकसभा और राज्यसभा के 16 सांसदों में से रायगढ़ की लोकसभा की भाजपा सांसद गोमती साय ने सबसे अधिक 80 प्रतिशत से अधिक खर्च सांसद निधि से की है। दूसरे नंबर में भाजपा के दुर्ग सांसद विजय बघेल ने अब तक 76 प्रतिशत तक खर्च किया है। राज्य सभा से जून में कार्यकाल खत्म होने से पूर्व सांसद रामविचार नेताम ने 85 और कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने इसका 93 प्रतिशत से अधिक राशि का उपयोग विकास कार्यो के लिए किया। देखा जाए तो कांग्रेस के दो लोकसभा सांसदों ने 71 प्रतिशत तक खर्च किया है। वहीं भाजपा के बिलासपुर सांसद अरूण साव ने केवल 34 प्रतिशत राशि खर्च की है। वहीं वहीं राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम और केटीएस तुलसी को पहली किश्त जारी हुई जिसमें से अब तक एक भी राशि खर्च नहीं की है।

सांसदों को 5 करोड़ की निधि विकास कार्यों में खर्च करने के लिए मिलती है। सांसद निधि से सांसदों को अपने क्षेत्र में छोटे-मोटे विकास कार्य करने होते हैं। बड़े खर्चे वाले कामों के लिए सांसदों को केंद्र और राज्य सरकारों के संबंधित विभाग के मंत्रियों से सिफारिश करनी होती है। गौरतलब है कि अपने इलाके में सड़क, नाली, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सांसदों को लगभग 5 करोड़ रुपये का फंड मिलता है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि ज्यादातर सांसदों ने सांसद निधि की राशि उपयोग कार्यकाल के आखरी समय में ही किया है। अधिकांश सांसदों के द्वारा पंचायत और जिला क्षेत्रों में निधि से विकास कार्याें को स्वीकृति देने के बाद इसकी प्रशासनकीय स्वीकृति आने के बाद काम शुरू होता है। काम होने के बाद इसका मूल्यांकन कर उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।

कोरोना काल के दो साल नहीं मिला फंड

लाेकसभा के तीन साल के कार्यकाल में सांसदों को अब तक केवल एक बार सांसद निधि का फंड एक बार ही पूरा मिला है। कोरोना संकट के दौरान आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने सांसद निधि पर रोक लगा दी थी। सांसदों को अपने क्षेत्र के विकास के लिए दी जाने वाली सांसद निधि केंद्र सरकार ने फिर से बहाल कर दी है। चालू वित्तीय वर्ष में सभी सांसदों को (लोकसभा व राज्यसभा के सदस्यों) दो-दो करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वहीं अगले वित्तीय वर्ष से यानी वर्ष 2022-23 से सभी सांसदों को पहले की तरह वर्ष में पांच-पांच करोड़ दिए जाएंगे। यह राशि उन्हें ढाई-ढाई करोड़ की दो किस्तों में दी जाएगी।

राज्य के सांसदों का खर्च

भाजपा की रायगढ़ सांसद गोमती साय ने अपने सांसद निधि का 80, दुर्ग सांसद विजय बघेल ने 77, गुहाराम अजगले ने लगभग 72, कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत 71, बस्तर के कांग्रेस सांसद दीपक बैज ले 70, सरगुजा की भाजपा सांसद रेणुका सिंह ने 65, कांकेर के भाजपा सांसद मोहन मंडावी ने 63, महासमुंद के भाजपा सांसद चुन्नी लाल साहू ने 57, रायपुर के भाजपा सांसद सुनील सोनी ने 49, भाजपा की राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने 47, राजनांदगांव के भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने 45, बिलासपुर सांसद अरूण साव ने 34, राज्यसभा के पूर्व सांसद छाया वर्मा ने 93 और रामविचार नेताम ने सांसद निधि का 85 प्रतिशत राशि खर्च की।

क्या कहते हैं सांसद

मांग के अनुरूप देते हैं स्वीकृति-चुन्नीलाल

महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू ने कहा कि क्षेत्र की जरूरत के हिसाब से कार्य की स्वीकति अपने निधि से देते हैं। दौरे के दौरान कई बार मांग आती है उसके आधार पर निर्णय लिया जाता है।

पहले साल की राशि से कराए गए कई कार्य -विजय

सांसद विजय बघेल ने कहा कि अपने क्षेत्र के कार्यों की मांग के अनुरूप पांच लाख और इससे अधिक के कार्य स्वीकृत करते हैं। तीन साल के कार्यकाल में अब तक पहले साल की निधि से ही खर्च किया गया है। इस साल की पहली किश्त अभी जारी की गई है।

फंड का सही उपयोग हो इसका प्रयास-छाया

पूर्व सांसद छाया वर्मा ने कहा कि अपने क्षेत्रों में कार्य की मांग होने पर उस स्वीकृति देकर फंड का सही उपयोग हो इसका प्रयास किया जाता है। आम लोगों के द्वारा निर्माण कार्याें और अन्य कई कार्याें की मांग पर अधिकतम राशि खर्च करने का प्रयास हमने किया है।

HNS24 NEWS

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