November 23, 2024
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  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल

रायपुर : केंद्र से अभी पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं आने की वजह से सोसाइटियों में भी स्टॉक कम है, जिसके कारण किसानों को एक बार में पूरी जरूरत के हिसाब से खाद की बोरियां नहीं दी जा रही है। किसानों को एक एकड़ के पीछे दो बोरी यूरिया और डीएपी देने का मानक कृषि विभाग ने तय किया है। कृषि विभाग के नार्म्स और खाद की उपलब्धता के आधार पर किसानों को खाद जारी किया जा रहा है। बड़े किसान, जिन्हें ज्यादा खाद की जरूरत है, उन्हें समितियों में खाद की मात्रा की उपलब्धता देखते हुए वितरण किया जा रहा है। कई समितियों में खाद की पूरी मात्रा नहीं पहुंचने के कारण वितरण नहीं किया जा रहा है। प्रदेश में यूरिया और डीएपी की मांग के मुकाबले अभी 41 और 25 प्रतिशत भंडारण हुआ है।
समितियों में किसानों की संख्या के आधार पर इस बार राज्य सरकार ने 8.55 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों का लक्ष्य रखा है। लक्ष्य के आधार पर अब 2.68 लाख टन रासायनिक खाद का भंडारण किया जा चुका है, जाे कुल लक्ष्य का 41.60 प्रतिशत है। इनमें से 1.11 लाख टन खाद का वितरण किया जा चुका है। समितियों को मांग के अनुरूप खाद की सप्लाई नहीं होने के कारण समितियों में किसानों को एक साथ खाद का वितरण नहीं किया जा रहा है। उन्हें एक बार पर्ची काटने के बाद दुबारा समितियों का चक्कर लगाना पड़ रहा है। बताया जाता है कि खाद की सप्लाई पूरी नहीं होने के कारण यह परेशानी हो रही है। किसानों को यूरिया और डीएपी की मात्रा कम होने के कारण इसे कृषि विभाग के नार्म्स के आधार पर वितरित किया जा रहा है। समिति में अफरातफरी न हो, इसे देखते हुए किसानों को अभी काम चलाने थोड़ी मात्रा में खाद देकर संतुष्ट किया जा रहा है। किसानों को सुपर फास्फेट की जितनी मात्रा चाहिए, उतनी दी जा रही है। रायगढ़ जिले की कई सोसाइटियों में खाद की पूरी सप्लाई नहीं होने के कारण खाद का वितरण अभी शुरू नहीं किया गया है। वहां पर किसानों को बीज वितरित किए जा रहे हैं।
यूरिया और डीएपी की सप्लाई
खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में 4 लाख टन यूरिया की मांग की गई है। अब तक कुल 1.66 लाख टन की सप्लाई हो चुकी है। इसमें से 64 हजार 244 टन यूरिया का वितरण किया जा चुका है। समितियों में 1.02 लाख टन यूरिया शेष है। इसी प्रकार प्रदेश में इस बार 1 लाख 80 हजार टन डीएपी की मांग पर अब तक 45 हजार 880 टन डीएपी की सप्लाई हुई है। इसमें से 24 हजार 532 टन का वितरण किया गया है।
कृषि विभाग के नार्म्स के आधार पर वितरण
दुर्ग जिला सहकारी बैंक की सीईओ अपेक्षा व्यास ने बताया कि किसानों को समितियों से खाद वितरण किया जा रहा है। समितियों में खाद की कमी के कारण उपलब्धता के आधार पर किसानों को खाद दी जा रही है। कृषि विभाग ने तय किया है कि एकड़ में दो बोरी यूरिया और डीएपी का वितरण किसानों को किया जाए। इसी आधार पर दिया जा रहा है। बड़े किसानों को एक बार में वितरण न कर दो-तीन बार में खाद दी जा रही है। ऐसा करने के पीछे बताया जा रहा है कि सभी किसानों को आवश्यकता के अनुरूप खाद दी जा सके, इसके लिए ऐसी व्यवस्था बनाई गई है।
आपूर्ति के अनुरूप वितरण
रायपुर जिले की तामासिवनी सोसाइटी के समिति प्रबंधक कमल नारायण साहू के अनुसार समिति में खाद की आपूर्ति के अनुसार किसानों को खाद वितरित की जा रही है। यूरिया और डीएपी की सप्लाई कम होने के कारण किसानों को खाद एक सीमा तक दी जा रही है।

HNS24 NEWS

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