November 23, 2024
  • 11:18 pm कृषि अनुसांधान केन्द्र किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों से जोड़ते हुए उनकी आय बढ़ाने में मदद करेगा-उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
  • 11:10 pm छत्तीसगढ़ में शुरू होगी ‘‘मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस फेलो योजना’’ *गुड गवर्नेंस रीजनल कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री श्री साय ने की घोषणा* *छत्तीसगढ़ के मूलनिवासी छात्रों के लिए पब्लिक पॉलिसी एण्ड गवर्नेस में मास्टर पाठ्यक्रम होगा शुरू
  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल

रायपुर :  राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ में   गम का माहौल, चढ़ने गर्मी के साथ ही गहराता चला गया। जब शाम को शहर के गोल बाजार स्थित कोचर निवास से एक साथ पांच शवों की अंतिम यात्रा दाउचौरा के जैन मुक्तिधाम के लिए निकली, तो मानो भावनाओं का ज्वार फटने लगा। एक साथ जब पांच चिताएं धधकीं तो मानो वहां मौजूद हर शख्स के हृदय में,दुख और आंसुओं से लोग डूब गए। खैरागढ़ में  ऐसा दृश्य इसलिए उपस्थित हुआ क्योंकि शहर के गोल बाजार निवासी सुभाष कोचर अपने पूरे परिवार सहित बालोद निवासी अपने साले के बेटे की शादी में शामिल होकर वापस लौटते वक्त एक दुःस्वप्न सरीखे हादसे का शिकार हो गया। शादी में शामिल होकर लौट रहा परिवार भी दूसरे ही दिन से अपने घर में भी मांगलिक कार्यक्रम की तैयारियों में जुटने वाला था। परिवार की बिटिया वृद्धि की शादी जो दो मई को होने वाली थी। दो दिन बाद ही वैवाहिक रस्मों की शुरुआत होनी थी। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर।

हादसा के बाद जब कोचर परिवार की कार में आग लगी तो वहां कुछ ग्रामीण पहुंच गए। मौत के तांडव से साक्षात करने वाले इन प्रत्यक्षदर्शियों ने जो बताया उसे यहां लिखने में मेरे हाथ थरथरा रहे हैं। ग्रामीण बताते हैं कि पुलिया से टकराकर पलटते ही कार सवार सभी लोग बेहोश हो गए थे। सुभाष कोचर और उनकी पत्नी कांति तो बेहोशी के आलम में ही काल के गाल में समा गए, लेकिन पीछे बैठी बेटियां कम चोटिल थीं। आग की तपिश पड़ते ही वे होश में आ गईं। कार के भीतर पांच लोगों को फंसा देखकर आग बुझाने की कोशिश कर रहे ग्रामीण बताते हैं कि बेटियों ने खूब हाथ-पैर चलाकर कार के शीशे तोड़ डाले थे, लेकिन दरवाजे नहीं खोल पाए। इतने कम समय में ही कार आग के गोले में तब्दील हो गया कि न ग्रामीण कुछ कर पाए और न बेटियों को ही क्रूर काल ने वक्त दिया। प्रतिपल आग की तपिश बेटियों की कोशिशों को मंदा करती गईं और चंद मिनटों में ही कार के भीतर हरकत बंद हो गई।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT