अप्रैल के पहले दिन से ही मोदी सरकार का क्रूर और अमानवीय चेहरा दिखना शुरू : मोहन मरकाम
HNS24 NEWS April 1, 2022 0 COMMENTSरायपुर/01 अप्रैल 2022। कांग्रेस ने कहा कि अप्रैल के पहले दिन से ही मोदी सरकार का क्रूर और अमानवीय चेहरा जनता को दिखना शुरू हो गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि एक तरफ तो केंद्र सरकार की गलत नीतियों और आर्थिक कुप्रबंधन के कारण आम आदमी पर महंगाई का बोझ बढ़ गया है। दूसरी ओर केंद्र सरकार आम नागरिकों को सहूलियत देने के लिये वर्षो से चलाई जा रही योजनाओं को बंद कर जनता पर दोहरा प्रहार कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पेट्रोल-डीजल, सीएनजी के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी करने के बाद मोदी सरकार ने टोल की दरों में भी अप्रैल से बढ़ोतरी कर दिया है। मोदी सरकार द्वारा बढ़ाये गये टेक्स के कारण पेन किलर, एंटीबायोटिक्स, एंटी वायरस पैरासिटामोल सहित 800 से अधिक दवाओं के दाम बेतहाशा बढ़ जायेंगे। केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल से पहली बार घर खरीदने वाले आम नागरिकों को कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के समय से दी जाने वाली ब्याज में छूट को बंद कर दिया है। रेलवे के किराये में बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को बंद करने के बाद भाजपा की केंद्र सरकार ने अब वरिष्ठ नागरिकों के लिये वर्षो से चलाई जा रही स्पेशल एफडी स्कीम जिसमें गरीबों को ज्यादा ब्याज मिलता था उस स्कीम को भी बंद कर दिया है। केंद्र सरकार सरकारी कर्मचारियों के पीएफ खातों पर भी 1 अप्रैल से टैक्स वसूलेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा वसूले जा रहे बेतहाशा एक्साईज टैक्स के कारण डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ गये, रसोई गैस, खाद तेल, राशन, साबुन कपड़े, कापी, किताब सभी वस्तुओं के दाम आसमान पर है। गरीब आदमी के लिये महंगाई के कारण जीना मुहाल हो गया है। मोदी और उनकी सरकार महंगाई पर अकुंश लगाने के लिये कोई भी प्रभावी कदम नहीं उठा रहे है। 2014 के बाद से लेकर आज तक केंद्र में बैठे मोदी भाजपा की सरकार देश के गरीब मध्यम वर्गीय परिवारों के ऊपर महंगाई का बोझ बढ़ा रही है 2014 में जो रसोई गैस 400 रू. में मिलता था वह आज 1050 रू. में गरीब जनता खरीदने मजबूर है 2014 में जो पेट्रोल 68 रू. लीटर था वह आज 105 को लीटर से ऊपर है खाद्य सामग्री स्टेशनरी सामग्री होजियारी सहित दैनिक उपयोग की वस्तुएं की दाम 2 गुना 3 गुना हो गया है। मोदी सरकार की नीतियां आम आदमी को राहत देने वाली नहीं सिर्फ चंद उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाली है।