टैबलेट खरीदी, कांग्रेस विधायक के सवाल पर मंत्री ने मानी गड़बड़ी, विधानसभा की समिति करेगी जांच
HNS24 NEWS March 14, 2022 0 COMMENTSरायपुर। विधानसभा के बजट सत्र कांग्रेस विधायक ने स्कूलों के लिए खरीदे गए टैबलेट के मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम को घेरा। खरीदे गए टैबलेट में से 95 प्रतिशत खराब हैं। इन सवालों से घिरे स्कूल शिक्षा मंत्री ने गड़बड़ी होना स्वीकार किया। उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विधानसभा की समिति से जांच कराने की घोषणा की है।
बस्तर से कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने प्रश्नकाल सवाल में स्कूल शिक्षा मंत्रा प्रेमसाय सिंह ने बताया कि 2017-18 से लेकर 2021-22 तक कंपनी को करोड़ों रुपए का भुगतान हुआ, लेकिन उसके द्वारा सप्लाई किये गए 637 टैबलेट अनुपयोगी हो गए। लखेश्वर ने पूछा ये कब से खराब हैं और इनमें कितनों की मरम्मत हुई है। जवाब में मंत्री ने कहा, शिक्षकों के अटेंडेंस का रिकार्ड रखने लिए यह योजना 2017-18 में स्वीकृत हुई थी। बस्तर जिले के लिए 1.40 करोड़ खर्च कर टैबलेट दिये गए थे। सप्लाई फर्म को 2021 तक यह टैबलेट सप्लाई करनी थी। टैबलेट एक बार खराब होता है तो दोबारा नहीं बन सकता है। उसकी जगह नए टैबलेट देने की व्यवस्था है। इन स्कूलों में जो टैबलेट दिया गया है, उनमें से केवल 7 का ही उपयोग हो रहा है। शेष 636 टैबलेट खराब हो चुके हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया, तीन साल में खराब होने पर फ्री में रिपेयर की शर्त थी, लेकिन ऐसा कराया नहीं जा सका।
भंडार क्रय नियम का पालन नहीं
मंत्री ने बताया, इसके लिए जाे टेंडर निकला था, उसमें 2 कंपनियों ने भाग लिया था। उसमें से एक को आपूर्ति की जिम्मेदारी दे दी गई। विधायक लखेश्वर बघेल ने इस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, यह भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन है। जब स्पष्ट नियम है कि ऐसी खरीदी निविदा में कम से कम तीन प्रतिभागी जरूरी हैं तो केवल दो को बुलाकर खरीदी की प्रक्रिया कैसे पूरी की गई। उन्होंने मामले में विधानसभा की समिति से जांच कराने की मांग की।
मंत्री को विधानसभा अध्यक्ष की नसीहत
मंत्री टेकाम के जवाब के बाद लखेश्वर बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरण दास महंत ने मंत्री से सवाल किया कि एक टेबलेट की कीमत क्या है और कितनी अवधि में खराब होता है। मंत्री ने बताया कि एक टैबलेट 11 हजार 682 रुपए का है, इसकी अवधि 3 साल की है। जो खराब हुए हैं, वे रिपेयर नहीं हो सकते। इस पर इस विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी सप्लाई के लिए फर्म की शिकायत कीजिये और ब्लैक लिस्ट करिये। विधायक लखेश्वर ने आरोप लगाया कि यह 200 करोड़ की खरीदी का मामला है। मंत्री ने जवाब में कहा कि यह 2 साल की योजना थी, जो खत्म हो गई है।
मंत्री ने माना गड़बड़ी, जांच की घोषणा
मंत्री ने स्वीकार किया कि परिस्थितियां जांच कराने लायक हैं। टेबलेट के सैंपल मैंने भी देखे हैं, जो रिपेयर के लायक नहीं हैं, इस पर जपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा, मंत्री ने स्वीकार कर लिया है तो उन्हें जांच की घोषणा करनी चाहिए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा समिति से जांच कराए जाने की घोषणा की। समिति के सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी।
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