November 22, 2024
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रायपुर। सहकारी समिति नवागढ़ में वर्ष 2020-21 के अनुपयोगी धान के परिवहन में गड़बड़ी के मामले के दौरान खाद्य मंत्री अमरजीत भगत द्वारा विपक्ष के हंगामे के बाद की गई टिप्पणी पर बवाल मच गया। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली है। भाजपा विधायक दल ने छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के बहिष्कार का फैसला किया है। भाजपा विधायक अब पूरे सत्र तक मंत्री भगत से संबंधित विभागों से सवाल नहीं पूछेंगे और उनके विभागों की चर्चा में भी शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बीजेपी की हस्तक्षेप को खाद्य मंत्री अमरजीत भगत द्वारा विपक्ष पर की गई टिप्पणी के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इसे विलोपित करते हुए मंत्री से खेद प्रकट करने कहा, मंत्री ने इस पर विपक्ष पर फिर आरोप जड़ दिया। सदन में इसके बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया था। भाजपा विधायकों ने मंत्री भगत के बयान का विरोध करते हुए सदन के गर्भगृह में घुस गए। जिससे सदन में मौजूद भजपा के सभी विधायक सदन की कार्रवाई से निलंबित हो गए। और अध्यक्ष को सदन की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्रवाई दोबारा शुरू होने के बाद एक बार फिर से बीजेपी और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के विधायक खाद्य मंत्री से खेद व्यक्त करने की मांग की। लेकिन उन्होंने खेद व्यक्त नहीं किया जिसके बाद भाजपा विधायक दल ने पूरे सत्र के दौरान खाद्य मंत्री के बहिष्कार का ऐलान कर दिया। राज्य के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, पूरे सत्र के दौरान भाजपा खाद्य मंत्री से न को कोई सवाल करेगा और ना ही उनके विभाग से संबंधित किसी भी चर्चा में भाग लेगा।
मिलर को खाद्य अफसर ने बेचा धान
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा ने सहकारी समिति नवागढ़ में वर्ष 2020-21 के अनुपयोगी धान के परिवहन में गड़बड़ी के मामले में 2600 क्विंटल धान में से 2100 क्विंटल धान राइस मिलर अशोक भूतड़ा को नियम विरूद्ध बेच दिया गया था। उन्होंने कहा कि विधानसभा में यह मामला लगने के बाद समिति प्रबंधक से एक सप्ताह में जवाब मांगा गया। एक सप्ताह के पहले ही उसका जवाब मिले बिना ही उसे निलंबित कर दिया गया। और समिति को खाद्य अधिकारी ने भंग कर दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या खाद्य अधिकारी को ऐसा करने का अधिकार है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जवाब में बताया कि इसकी शिकायत 21 अक्टूबर को आई थी। एसडीएम की जांच के बाद यह कार्रवाई की गई। मंत्री ने स्वीकार किया कि गड़बड़ी पाई गई, लेकिन अपने जवाब में दोषियों पर कार्रवाई के विषय में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
गर्भगृह में पहुंचा विपक्ष
वहीं ध्यानाकर्षण लाने वाले कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा ने भी ध्यानाकर्षण के जवाब ना मिलने पर लगातार प्रश्न कर व्यवस्था मांगी। विपक्ष ने भी हंगामा करते हुए सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। मंत्री अमरजीत भगत ने हंगामा कर रहे विपक्ष पर टिप्पणी कर दी। मंत्री की टिप्पणी से विपक्ष उत्तेजित हो गयाऔर आसंदी से व्यवस्था मांगते हुए नारेबाजी करने लगा। मंत्री ने इस बीच दूसरी टिप्पणी कर दी इस पर हंगामा और बढ़ गया। लेकिन भाजपा विधायक दल नारेबाज़ी करते हुए गर्भगृह पहुंच गया। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कार्रवाई दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस विधायक ने की मंत्री की आलाेचना
कार्रवाई दोबारा शुरु हुई तो कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने मंत्री श्री भगत की टिप्पणियों की आलोचना की। आसंदी ने विधायक बृहस्पति सिंह की टिप्पणियों को विलोपित करने का निर्देश दिया, लेकिन बृहस्पति सिंह शांत नहीं हुए, वे लगातार इस व्यवहार और टिप्पणी की आलोचना करते रहे। कांग्रेस विधायक आशीष छाबड़ा भी लगातार कार्रवाई की माँग करते हुए कहा, गड़बड़ी हुई है, और यह प्रमाणित गड़बड़ी है। मैं सत्ता पक्ष का विधायक हूँ और उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हंगामे के बीच टिप्पणियों को लेकर व्यवस्था की माँग हुई तो आसंदी से सभापति सत्यनारायण शर्मा ने कहा मंत्री के टिप्पणी को विलोपित किया गया है। जहां तक खेद प्रकट किए जाने की बात है तो वह मंत्री के विवेक पर है।

HNS24 NEWS

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