November 22, 2024
  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाल में हुई बेमौसम बारिश के कारण धान खरीदी केन्द्रों में धान की फसल भीगने को मंत्री-मंडलीय उप समिति ने गंभीरता से लिया है। धान खरीदी केन्द्रों में धान को बारिश से बचाव के लिए कैप कव्हर, तालपत्री के लिए पर्याप्त राशि सहकारी समितियों को उपलब्ध कराई गई थी इसके बाद भी बेमौसम बारिश से धान को भीगने से बचाने के लिए की गई लापरवाही के मद्देनजर समिति ने बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद और रायपुर जिलों के कलेक्टरों, जिला विपणन अधिकारियों और उप पंजीयकों को नोटिस जारी करने की अनुशंसा मंत्री मंडलीय उपसमिति ने की है। इन छह जिलों में 38 हजार टन धान भींगा है।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में बुधवार को धान खरीदी व्यवस्था के संबंध में मंत्री-मंडलीय उप समिति की बैठक में उन्होंने धान खरीदी केन्द्रों में धान भीगने की घटना पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग के अलर्ट और शासन द्वारा भी धान सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्था के लिए राशि जारी कर दी गई थी। इसके बाद भी धान को भीगने से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए। उन्होंने कहा, धान खरीदी के साथ-साथ इसकी सुरक्षा की भी जिम्मेदारी हमारी है। बारिश के पहले एवं बाद में नियमित रूप से भौतिक सत्यापन क्यों नहीं किया गया। सही समय में कैपकव्हर, तालपत्री तथा अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाती तो धान भीगने जैसी स्थिति भी उत्पन्न नहीं होती।
भींगे हुए धान पलटीकर सुखाया गया
मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक में धान के भीगने के संबंध में वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी ली गई। अधिकारियों से चर्चा के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद और रायपुर सहित 6 जिलों में कुल 38 हजार टन धान बारिश से भीगा है इसे सुखाकर इसकी मिलिंग कराई जा सकती है। धान खरीदी केन्द्रों में धान के भीगे बारदानों को पलटीकर सुखाया गया है, जिससे धान की कोई क्षति नहीं हुई है।
धान खरीदने एचपीडी बारदाने की व्यवस्था
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता है। वर्तमान में पीडीएस, मिलर्स और किसानों से बारदाने आपूर्ति के कारण धान खरीदी व्यवस्था में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। शासन द्वारा धान खरीदी के लिए पर्याप्त मात्रा में बारदाने और एचडीपी बारदाने की व्यवस्था की गई है। कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव एवं परिवहन तेजी से किया जा रहा है।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT