रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संगठन में अंर्तकलह थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिलासपुर, अंबिकापुर , रायपुर, राजनांदगांव और कई जगहों पर संगठन के लोगों में मारपीट की घटनाएं हुई। इन घटनाओं में कांग्रेस संगठन ने कोई कड़ा एक्शन नहीं लिया। इसका परिणाम यह हुआ कि पन्ना लाल पुनिया टेंशन में आ गए है। उन्होंने इसका नजारा दुर्ग के कार्यकारिणी की बैठक में देखने को मिला जब पन्नालाल को कहना पड़ा कि जिला प्रभारी विधायकों से समन्वय बनाकर रखे। पदाधिकारियों की आपस में भिडऩे की घटनाओं को उन्होंने दूसरे ढंग से प्रस्तुत कर विधायकों की टिकट कटने के उदाहरण से कहा। अब जब मीडिया ने दूसरे दिन रायपुर में पन्नालाल पुनिया से संगठन के अंर्तकलह के सवाल किए तो उन्होंने मीडिया के कुछ प्रतिनिधियों के आईडी को हाथ मारकर हटा दिया और बाईट देने से इंकार कर दिया। उनके इस व्यवहार को लेकर मीडिया के प्रतिनिधि हतप्रभ है। कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि पिछले माह हुई कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में मुख्यमंत्री के के गरम तेवर देखकर पुनिया ने संगठन के कुछ पदाधिकारियों को अपने हिसाब से फिट करने का प्रयास किया। वहीं उनके खास समर्थक सुशील सन्नी अग्रवाल को मारपीट के मामले मेें पीसीसी अध्यक्ष मरकाम के द्वारा निलंबित किए जाने से वे नाराज चल रहे हैं। उन्होंने संगठन के अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति में मरकाम के समथर््कों को साईड करने मोर्चा प्रकोष्ठ से हटाया। अीाी कुछ और लोगों को इसी के चलते हटाने पर विचार हो रहा है। वैसे बीस दिन केि अंतराल में दो बार प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर यही कहा जा रहा है कि पन्नालाल को संगठन के बवाल और उनके लोगों को टारगेट करने के कारण टेंशन है। बिलासपुर में विधायक के साथ हुई झड़प की घटना पर आज तक कांग्रेस संगठन ने पुनिया के ही इशारे पर कोई कार्रवाई को मुख्यमंत्री के कहने पर रोक दिया। लेकिन उनके समर्थक पर कार्रवाई में किसी के साथ नहीं देने के कारण वे टेंशन में है। अब इसे मीडिया से दुव्र्यहार कर वे जाहिर कर दिया है। मीडिया ने अब तक कांग्रेस का बखूबी साथ दिया लेकिन अब उनके व्प्यवहार के बाद मीडिया उन्हें क्यों दिखाने वाली है यह आने वाले समय में दिखेगा।