November 22, 2024
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में खरीफ के धान की सरकारी खरीदी एक दिसंबर से शुरू हो रही है। इस बीच केंद्र सरकार की कुछ शर्तों ने सरकार की मुसीबत बढ़ा दी है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल से मुलाकात का समय मांगा है। वह अब तक नहीं मिला है। इस बीच भगत ने कहा है, भारत-पाकिस्तान में पटती नहीं है, इसके बाद भी दोनों के बीच बातचीत होती रहती है। उनको भी उम्मीद है कि बातचीत से ही छत्तीसगढ़ की समस्या का भी समाधान निकलेगा।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने आरोप लगाया, केंद्र सरकार की नीतियों से छत्तीसगढ़ को नुकसान हो सकता है। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़़ से 61 लाख 65 हजार मीट्रिक टन चावल को केंद्रीय पूल में लेने की सहमति दी है। छत्तीसगढ़ में इस साल एक लाख 5 हजार मीट्रिक टन धान खरीदे जाने की संभावना है। ऐसे में इससे 71 लाख मीट्रिक टन चावल बनेगा। केंद्र सरकार कह रही है, वह इस बार केवल अरवा चावल लेगी। यह हमारी मुश्किल बढ़ा रहा है। प्रदेश में 461 राइस मिलें उसना चावल बनाती हैं। केवल अरवा चावल की शर्त बनी रही तो ये राइस मिले बंद हो जाएंगी।
60 हजार गठान बारदाना ही मिला
उन्होंने कहा दूसरा बड़ा मुद्दा बारदाने की आपूर्ति का है। धान खरीदी के लिए 5 लाख 86 हजार गठान बारदानों की जरूरत है। केंद्रीय जूट आयुक्त को प्रस्ताव सहित एडवांस भुगतान भी कर दिया गया है। अभी तक केवल 60 हजार गठान बारदाना मिल पाया है। इन मुद्दों पर बातचीत के लिए 10-11 नवंबर को मुलाकात का समय मांगा गया था। केंद्रीय खाद्य मामलों के मंत्री पियूष गोयल की ओर से अभी समय नहीं दिया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र सरकार से विरोध और टकराव इसकी वजह है, उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच पटती नही है, लेकिन वार्ता होती रहती है। हमें भी वार्ता से ही उम्मीद है।
केंद्र ने रोका 4 हजार करोड़ रुपए
श्री भगत ने कहा, केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ का करीब 4 हजार करोड़ रुपए रोक रखा है। यह केंद्रीय पूल में चावल जमा करने के बदले केंद्र सरकार से मिलनी थी वह राशि है। समितियों को दी जाने वाली कमीशन की राशि में वृद्धि, पिछले साल की खरीदी और कस्टम मिलिंग कर चावल जमा करने की समय-सीमा में वृद्धि की भी मांग रखने वाली है।
उसना चावल लेने का अनुरोध
उन्होंने कहा, केंद्रीय मांग को पूरा करने के लिए ही प्रदेश में 416 राइस मिलें उसना चावल बना रही हैं। प्रदेश में खरीदे गए कुछ पतले एवं मोटे किस्म के धान की केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित स्पेशिफिकेशन अनुसार अरवा मिलिंग नहीं हो पाती है। ऐसे में उनको उसना राइस मिलों में ही भेजा जाता है। सरकार इस साल 105 लाख मीट्रिक टन धान ले रही है। इससे 71 लाख मीट्रिक टन चावल बनने का अनुमान है। राज्य में पीडीएस के लिए 24 लाख मीट्रिक टन चावल लगता है। यह भारतीय खाद्य निगम में जमा होता है। अब सरकार 23 लाख टन उसना चावल को भी केन्द्रीय पूल में लिए जाने का अनुरोध किया जा रहा है

HNS24 NEWS

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