November 23, 2024
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रायपुर : महासंघ के आह्वाहन में प्रदेश के समस्त 28 जिलों में अनियमित कर्मचारियों ने जलसमाधि लेने का किया प्रयास, प्रशासन ने अनियमित कर्मियों को रोका।8 अगस्त से 14 अगस्त तक महासंघ के द्वितीय चरण अगस्त क्रांति सप्ताह का हुआ आगाज।

भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए तमाम छोटे-बड़े आंदोलन किए गए। अंग्रेजी सत्ता को भारत की जमीन से उखाड़ फेंकने के लिए गांधी जी के नेतृत्व में जो अंतिम लड़ाई लड़ी गई थी उसे ‘अगस्त क्रांति’ के नाम से जाना गया है। इस लड़ाई में गांधी जी ने ‘करो या मरो’ का नारा देकर अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए पूरे भारत के युवाओं का आह्वान किया था। यही वजह है कि इसे ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ या क्विट इंडिया मूवमेंट भी कहते हैं। इस आंदोलन की शुरुआत 9 अगस्त 1942 को हुई थी, इसलिए इसे अगस्त क्रांति भी कहते हैं। ठीक इसी तर्ज पर अनियमित महासंघ के पंजीकृत संगठन और उनके सदस्य अपने अपने कार्यालय में काली पट्टी बांध कर मौन रहकर कार्य करेंगे और अपने कार्यालय प्रमुख को 14 अगस्त को मुख्यमंत्री के नाम 5 सूत्रीय मांगों का संघीय ज्ञापन सौपेंगे।
एक ओर जहां प्रदेश सरकार अपने 36 मे से 24 वायदा पूरा करने का दावा कर रही है, वही उन 36 वायदे जो जन घोषणा पत्र के अंतर्गत उल्लेखित हुए थे में बिंदु क्रमांक 11 और 30, “सभी अनियमित कर्मी किये जायेंगे नियमित” तथा ” आउटसोर्सिंग प्रथा बन्द होगी, छटनी नही किया जावेगा” को सरकार बनते ही 10 दिनों के भीतर पूरा किया जाएगा। पर आज सरकार बने 962 दिन बीत चुके है, प्रदेश के एक लाख 80 हज़ार अनियमित कर्मी 10 दिनों के इंतज़ार करते बैठे हुए थे।
प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले ने कहा कि शोषित पीड़ित अनियमित कर्मचारियों का वर्ग 10 दिन में पूरे किए जाने वाले नियमितीकरण के वायदे का इंतज़ार पिछले 962 दिन से कर रहा है। कोरोना काल मे जहां अन्य राज्यो में अनियमित कर्मियों के लिए अनेक सरकारों ने योजनाएं लागू किया और सामाजिक तथा आर्थिक मदद पहुंचाया, वही प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने लाखों अनियमित कर्मियों को उनके हाल में जीने मरने के लिए छोड़ दिया है। इससे अनियमित कर्मियों में काफी रोष उत्तपन्न हो चुका है, और आंदोलन के विकल्प की ओर बढ़ चला है। इसी तारतम्य में रायपुर राजधानी समेत समस्त 28 जिलों के प्रमुख तरिया एवं नदियों में जलसमाधि लेने का प्रयास किया गया, परन्तु पुलिस प्रशासन ने रोक दिया, काफी गहमा गहमी उपरांत मुख्यमंत्री के नाम नियमितीकरण जल्द किये जाने का ज्ञापन प्रशासन को सौंपा गया। जिलों में 20 सम्बद्धता प्राप्त संगठनों के सैकड़ो अनियमित कर्मचारी सम्मिलित हुए ।
प्रदेश संयोजक अनिल कुमार देवांगन का कहना है, 962 दिन अनियमित कर्मियों ने शांतिपूर्ण तरीके से इंतज़ार किया, महासंघ ने भी यही प्रयास किया कि उसके आम अनियमित सदस्य धैर्यवान रहते हुए नियमितीकरण की घोषणा का इंतज़ार करें, परंतु सरकार द्वारा कोई भी सकारात्मक पहल ना किये जाने के कारण आम सदस्य अब सड़क से सदन तक लड़ने के लिए उतरने के लिए बाध्य कर रहे है। अभी भी सरकार को समय रहते चेत जाना चाहिए और अपने किये गए वायदे को पूरा करना चाहिए।अनियमित कर्मचारियों की मांगें पूरी ना होने की स्थिति में और उग्रता के साथ प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रदेश कार्य समिति वरिष्ठ सदस्य गोपाल प्रसाद साहू ने स्पष्ट कह दिया है, महासंघ एक संगठन है और संगठन का जो उत्तरदायित्व अपने आम सदस्यों के प्रति होता है, उसका पूरी तरह से निर्वहन किया जाएगा और यदि प्रदेश सरकार हमसे आंदोलन ही करवाना चाहती है, तो अब उससे महासंघ बिल्कुल पीछे नही हटेगा।
महासंघ के उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश गजेंद्र ने कहा कि अब पानी सर ऊपर हो चुका है, अनियमित कर्मचारी पिछले 962 दिन में अपने आप को रोक कर रखा था, धैर्यता के साथ 10 दिन का इंतज़ार कर रहे थे, पर अब सरकार को जगाने का समय आ गया है। सूरज सिंह ठाकुर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं जिया अध्यक्ष दंतेवाड़ा ने कहा कि सरकार का अपने नियमितीकरण वायदे के प्रति उदासीन रवैया, आगामी भविष्य में प्रदेश में बड़े आंदोलनों को बुलावा दे रही है, 8 अगस्त को सरकार बनने के 962 दिन बाद सभी 28 जिलों में कोविड 19 के गाइड लाइन का पालन करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से जल समाधि लेने का प्रयास किया गया और सरकार के सद्बुद्धि जागृत करने हेतु प्रदर्शन किया गया जिसमें नियमितिकरण के वायदे को पूर्ण करवाने का प्रयास किया गया।
प्रदेश मीडिया प्रभारी अभिषेक ठाकुर ने बताया कि महासंघ के प्रांतीय पदाधिकारियों के साथ 28 जिला प्रमुखों क्रमशः अजित सदन नाविक, सुदेश यादव, रमाकांत पुनेठा, इमरान आलम खान, नवीन पाठक, उत्तम साहू, टेक लाल पाटले, तोपान सिंह, रीना दिल्लू, संजय ऐड़े, राम बाबू शुक्ला, संजय काठले, सुदीप द्विवेदी, हीरालाल भगत, भूपेंद्र वर्मा, अजय चंद्राकर, खिलेश कलिहारी, सुनील मेश्राम, राम गोपाल खूंटे, भगवती शर्मा तिवारी, अनिता सिंह, गेमलता कोसे, वर्षा मेघानी, रमा शर्मा, श्वेता सोनी, ओमान लाल सिन्हा, सतीश रजवाड़े तथा महासंघ से सम्बद्धता प्राप्त 20 संघो के अध्यक्षो क्रमशः अरूण वैश्णव,पं. सुंदरलाल शर्मा ,विनय हरबंश,नीलमणी चंदेल, मिर्जा शहजार बेग,पी.के. कौशिक, गोविंद साहू, संतोष साहू, रमा शर्मा, अशोक सिन्हा,लवलीन शर्मा, उमेंद महिलांगे, रविन्द्र चापड़ी, संजय ऐड़े, संजय तिवारी,गोविंद कुमार गन्धराला, देवी चंद्राकर,उमेन्द्र कुमार मार्कण्डे, दीपक कुमार ध्रुव तथा दुर्गेश कुमार साहू ने जिला मुख्यालय में व्यापक रूप से अपने संगठनों के आम सदस्यों के साथ महासंघ के 7 चरणों के आंदोलन के दूसरे चरण में आज जलसमाधि लेने का प्रयास किया गया। इसके बावजूद भी यदि सरकार अब नही जागती है और सकारत्मक कदम नही उठाती है तो अगले 5 चरणों मे महासंघ और उग्रता के साथ आंदोलन करेगा।

HNS24 NEWS

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