भाजपा काल में हुई फार्मासिस्ट की भर्ती में गड़बड़ी का मामला को लेकर पूछा गया तो गोल मोल जवाब देते नजर आए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह
HNS24 NEWS July 6, 2021 0 COMMENTSचित्रा पटेल : रायपुर : जांजगीर चांपा मामला, सन 2006 2007 में भाजपा शासन काल में जांजगीर जिला में फार्मासिस्ट की भर्ती में गड़बड़ी का मामला को लेकर जब मैंने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को पूछा गया तो उन्होंने गोल मोल जवाब देते नजर आए।
दरअसल पूरी मामला यह है कि जांजगीर चांपा में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग में फार्माशिष्ट पद की फर्जी तरीके से आंख मूंद कर भर्ती कर दी गई।2006 – 2007 की भर्ती प्रक्रिया में राजपत्र के नियम को भी दरकिनार कर अधिकारियों ने कर दी फर्जीवाड़ा। दरअसल उस समय छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार का कार्यकाल था। यह गड़बड़ मामला सन 2006 _ 2007 का है। उस समय छ ग के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह थे।
हसौद स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 2006 -2007 में जांजगीर जिले में फार्माशिष्ट पद की भर्ती हुई , जिसमें विभाग के कर्मचारियों – अधिकारियों से मिलीभगत करके फर्जी तरीके से भर्ती कर दी गई।जो व्यक्ति पात्र ही नही थे उसकी भी नियुक्ति हो गई है और 2007 से अभी तक नौकरी भी कर रहे हैं।जिले के अधिकारियों ने राज पत्र को भी नहीं छोड़े राज पत्र के नियमों का उल्लंघन करते हुए अपने हिसाब से बिना पात्रता वाले को भी भर्ती कर दिए।इसके पीछे मोटी कमाई होती थी , जिसमे कुछ पूर्व सीएमएचओ से लेकर उन कर्मचारियों में बंटता था।वे इतनी बारीकी से इस खेल को अंजाम देते थे कि किसी को पकड़ पाना संभव नही था , शासन से आने वाले अधिकारी भी इस गड़बड़ी को पकड़ने में गच्चा खा जाते थे।आखिरकर इतने दिनों तक फर्जी नौकरी करते हुए हो गए मगर अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। फर्जी शिक्षाकर्मी के बाद अब जिले में फर्जी कागजातों और दस्तावेजों के आधार पर कई सालों से जिले में फार्माशिष्ट के रुप में नौकरी करने का मामला भी सामने आया है। जैजैपुर के एक व्यक्ति के मिले दस्तावेजों के बाद हुए इस खुलासे से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। इस मामले को लेकर सरकारी विभाग पर बहुत बड़ा सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जांजगीर चांपा जिले में रितेश कुमार चंद्रा पिता कीर्तन लाल चंद्रा निवासी जैजैपुर नामक व्यक्ति लंबे समय से फार्माशिष्ट का फर्जी रजिस्ट्रेशन के आधार पर फार्माशिष्ट के पद पर नौकरी कर रहा है।
बताया जा रह है कि रितेश कुमार चंद्रा ने जो प्रमाणपत्र लगाया है। उसकी जांच में पता चला है कि वह गणित का छात्र था लेकिन उसकी न्युक्ति जीव विज्ञान विषय में फार्माशिष्ट के लिए हुआ था जो पूर्ण रूप से अवैध है साथ ही साथ नियुक्ति के समय विज्ञप्ति अनुसार छत्तीसगढ़ फार्मेशी कांउसिल में रजिस्ट्रेशन आवेदन दिनांक से पहले होना था जो नहीं था और स्थाई जाती को प्राथमिकता दिया गया था लेकिन रितेश कुमार चंद्रा ने अपना अस्थाई जाति प्रमाण पत्र दिया था जिससे यह सिद्ध होता है कि उसकी पूरी न्युक्ति ही अवैध या फर्जी रूप से हुई है।एक तरफ बेरोजगार बैठे लोग दिन रात नौकरी पाने मेहनत कर रहे हैं वहीं जिले में फर्जीवाड़े करने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं।
पूरा मामला
यह खुलासा तब हुआ जब रितेश कुमार चंद्रा पिता कीर्तन लाल चंद्रा निवासी जैजैपुर के भर्ती संबंधित दस्तावेजों को खंगाला गया जिसमें पाया गया कि उसके द्वारा अपने भर्ती आवेदन के साथ स्थाई जाति प्रमाण पत्र के बदले अस्थाई जाति प्रमाण पत्र दिया गया,जबकि भर्ती आवेदन के लिए निकाले गए विज्ञप्ति में स्पष्ट लिखा गया है कि आवेदक को जीवविज्ञान का छात्र होना चाहिए एवं आवेदन दिनांक से पहले छत्तीसगढ़ फार्मेसी काउंसिल में पंजीयन होना जरूरी है लेकिन उसके द्वारा आवेदन करने के बाद फार्मेसी का पंजीयन कराया गया है विज्ञापन 2 दिसम्बर को जारी हुई और रितेश का पंजीयन 19 दिसम्बर को हुआ है जबकि अन्य अभ्यर्थियो का 2 दिसम्बर के बाद के पंजीयन को व अस्थाई प्रमाण पत्र को अपात्र माना गया है और रितेश चन्द्रा को पात्र बना दिया।साथ ही न ही वह जीव विज्ञान का छात्र है उसके स्कूल से हाई स्कूल से निकाले गए दस्तावेज में उसके द्वारा गणित विषय लेकर पढ़ाई करना पाया गया है। जिससे साबित होता है कि उसके द्वारा सरकार के साथ कुट रचना करके फर्जी तरीके से नौकरी हथियाया गया है।अगर उसके भर्ती संबंधित दस्तावेजों को अच्छे से जांच किया जाए तो और भी कई दस्तावेज हाथ लगेंगी जिसमे उसने कूटरचना किया है।रितेश चन्द्रा का चयन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा हुआ था और वर्तमान में कोविड हॉस्पिटल जांजगीर में ड्यूटी कर रहा है।इतना ही नहीं इसी पद में मुकुन्द चन्द्रा भी फर्जी नौकरी कर रहा है मुकुन्द चन्द्रा का चयन बम्हनीडीह ब्लॉक के सोंठी में हुआ था जो वर्तमान में जिले के ड्रग वेयर हाउस का जिम्मेदारी सम्हाल रहे है , जबकि मुकुन्द चन्द्रा का आवेदन को ही अपात्र कर दिया गया था उसके बावजूद भी कैसे पात्र हो गया ये सोचनीय वाली बात है।इस तरह से और भी कई ब्यक्ति फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे ।
बयान :रितेश कुमार चन्द्रा
जो लोग भर्ती किये हैं वे लोग जानेंगे किस तरीके से भर्ती किये हैं।
बयान : एस .आर .बंजारे सीएमएचओ जांजगीर : मेरे कार्यकाल की भर्ती नही है इस सम्बंध में मैं नहीं बता सकता , लेकिन शिकायत मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
बयान : टी एस सिंहदेव स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ : अगर इस प्रकार की भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा हुआ है तो निश्चित ही जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी इस तरीके से फर्जीवाड़ा बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कि जाएगी।
अब देखना यह है कि प्रशासन इस पर क्या कार्यवाही करेगी।
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