November 22, 2024
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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा प्रदेश में कोरोना का इलाज अब आयुष्मान योजना के तहत कराने के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि निर्णय छत्तीसगढ़ की जनता के हित में हैं पर बड़ी देर करदी बाबा आते आते। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के आते ही बदलापुर की भावना से जिस प्रकार से आयुष्मान भारत योजना को लटकाने का काम किया गया। पूर्व से चल रही डॉ. रमन सिंह के समय की स्मार्ट कार्ड योजना को बंद किया गया वह छत्तीसगढ़ की जनता के हित में बिल्कुल नहीं था। भाजपा प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश सरकार के नेता संकट के समय में भी अपनी राजनीतिक दुर्भावना से ऊपर उठ कर काम नहीं कर पा रहे हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं नतीजतन लॉकडाउन के निर्णय पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को कहना पड़ा था देर हो गयी हैं। आज आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश की जनता को निःशुल्क इलाज़ मुहैय्या करवाने में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी देर कर दी और छत्तीसगढ़ की कराह रही जनता भी कह रही हैं बड़ी देर कर दी जनाब आते आते।

भाजपा प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को याद दिलाते हुए कहा कि आज से एक वर्ष पूर्व जब कोरोना संकट ने प्रदेश में दस्तक दी थी तब भाजपा ने प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी को लेकर प्रदेश सरकार से आयुष्मान भारत योजना और स्मार्ट कार्ड योजना से निःशुल्क इलाज मुहैय्या करवाने और छत्तीसगढ़ की जनता के हित में निर्णय करने की मांग की थी परंतु सिर्फ राजनीतिक दुर्भावना और केंद्र की मोदी सरकार की जनहितकारी योजना होने के कारण प्रदेश सरकार ने एक वर्ष तक छत्तीसगढ़ की भोली भाली जनता को निजी अस्पतालों के हाथों लूटने दिया। आज जब स्तिथि प्रदेश सरकार के हाथ से निकल चुकी हैं, स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था कर पाने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और उनके योद्धा विफल हो चुके हैं तब आयुष्मान भारत योजना से इलाज़ का निर्णय एक वर्ष विलंब से मजबूरी में कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमे इसी बात का दुःख रहेगा कि यदि प्रदेश सरकार ने यह निर्णय बदलापुर की भावना से ऊपर उठकर एक वर्ष पूर्व लिया होता तो ना जाने कितने घर बर्बाद होने से बच सकते थे, कितनी मौतों को रोका जा सकता था। काश भूपेश बघेल जी की सरकार बदलापुर ना करती तो यह निर्णय एक वर्ष पूर्व हो सकता था और छत्तीसगढ़ की जनता इस संकट में अपने आपको ठगा हुआ और छला हुआ महसूस करने पर मजबूर ना होती।

HNS24 NEWS

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