अरूण गुप्ता : सीधी : दैनिक अग्निवर्षा के खबर का बड़ा असर हुआ है जहां खबर को संज्ञान लेते हुए रामपुर नैकिन सीईओ तरुण कुमार राहंगडाले के द्वारा विधवा के बैंक खाते में लगाई गई रोक हटा ली गई है तथा सहायता राशि भी मृतक के वारिस यानी बेवा रोशनी मिश्रा को दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मृतक के बाद पहला हक मृतक की वारिस यानी पत्नी का है लेकिन यहां पर बेवा के ससुर ने प्रशासन को गुमराह करते हुए बैंक खाते में रोक लगा दी थी कि रोशनी मिश्रा हमारे घर से जा चुकी है इसलिए यह सहायता राशि मुझे दी जाए पूरे सच्चाई को लेकर दैनिक अग्निवर्षा के ब्यूरो अरुण गुप्ता ने सच्चाई की पड़ताल कर पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरी खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था जहां खबर को संज्ञान लेते हुए तत्काल कलेक्टर रवींद्र चौधरी ने रामपुर नैकिन सीईओ को जांच कर अग्रिम कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था जहां कलेक्टर के निर्देशानुसार रामपुर नैकिन सीईओ के द्वारा बैंक खाते में लगाई गई रोक हटा ली गई है वही बेवा रोशनी मिश्रा ने मीडिया का आभार जताया है।
यह था पूरा मामला
रामपुर नैकिन जनपद अंतर्गत बोकरो ग्राम पंचायत में रहने वाले भूपेंद्र तिवारी पिता राजेंद्र तिवारी कि बीते वर्ष मुंबई में एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी जहां मध्य प्रदेश शासन के द्वारा संबल योजना के तहत मृतक के वारिस को चार लाख रुपये दिया जाना था जहां मृतक के पिता ने प्रशासन को भ्रमित कर एक आवेदन लगाया था कि हम बहुत ही गरीब है और हमारा कोई सहारा नहीं है इसलिए यह राशि हमें दी जाए उन्होंने यह भी कहा कि हमारी बहू यानी रोशनी मिश्रा घर से बिना बताए अपने गहने जेवर लेकर अपने मायके जा चुकी है जबकि पीड़िता के अनुसार मृतक की पत्नी रोशनी मिश्रा पति की मौत के बाद काफी दुखी थी वही पति की मौत के बाद ससुर की तानाशाही शुरू हो गई और आरोप पर आरोप लगाते हुए बात बात में झगड़े विवाद शुरू कर दिया था वही ससुर का एक छोटा बेटा यानी मेरा देवर भी है ससुर के झगड़ों से परेशान मृतक की पत्नी ने सीधी के एक निजी कॉलेज में एडमिशन ले कर फिर से पढ़ाई लिखाई शुरू कर दी है। और पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती है।
प्रशासन ने लिया संज्ञान
खबर प्रकाशन के बाद कलेक्टर रवींद्र चौधरी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल रामपुर नैकिन सीईओ को जांच का आदेश दिए बताया गया कि मृतका के पिता यानी रोशनी मिश्रा के ससुर संपन्न घराने से हैं और नौकरी भी कर रहे हैं वही कानूनों की जानकारों की मानें तो मृतक की पहली बारिश उसकी पत्नी होती है इसलिए मृतक के मालिकाना पत्नी को मिलना चाहिए। जैसे ही मामले की जानकारी रामपुर नैकिन सीईओ तरुण कुमार राहंगडाले को लगी उन्होंने मानवता दिखाते हुए तत्काल इसी की जांच कर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सीधी को एक पत्र जारी कर बैंक खाते में लगी रोक को हटा ली गई है। वहीं पीड़िता ने मीडिया एवं प्रशासन का आभार जताया है।