November 22, 2024
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अरुण गुप्ता :  सीधी : जिला चिकित्सालय परिसर में स्थित फीवर क्लीनिक के अंदर फर्जी कोरोना रिपोर्ट बनाने का खेल चलता था जहां बीते दो सप्ताह पहले एक स्वास्थ्य कर्मी ने फार्मासिस्ट अंबिकेश प्रताप सिंह को फर्जी रिपोर्ट बनाते हुए पकड़ लिया था जहाँ डॉक्टर के द्वारा जमकर फटकार लगाई गई थी जिसके बाद पूरे मामले पर पर्दा डालने के लिए साजिशन अंबिकेश प्रताप सिंह समेत पूरा गिरोह प्रशासन को गुमराह करने के लिए फर्जी शिकायत किया गया है। यह कोरोना फर्जी रिपोर्ट बनाने का आरोप कोई और नहीं बल्कि खुद वहां का स्वास्थ्य कर्मी लगाया है तथा अपने बयान में भी मीडिया को दिया है। जहां प्रभारी डॉक्टर रविशंकर शुक्ला अपने आप को निर्दोष बताते हुए अपने ही महिला डॉक्टर के खिलाफ साजिश रच कर पूरे मामले पर पर्दा डालने के लिए कलेक्टर समेत सभी जिले के आला अधिकारियों को फर्जी शिकायत कर गुमराह कर रहा है।

क्या था पूरा मामला
स्वास्थ्य कर्मी के दिए बयान के अनुसार दो सप्ताह पहले आरआर की टीम में पदस्थ अंबिकेश प्रताप सिंह जिला चिकित्सालय के फीवर क्लीनिक में आया और डॉक्टर के गैरमौजूदगी में जल्दी-जल्दी कोरोना की छह फर्जी रिपोर्ट बनाया था वहीं पर तैनात स्वास्थ्य कर्मी यह सारा मामला देख रहा था और तुरंत डॉक्टर को सूचित कर दिया डॉक्टर के आते ही फार्मासिस्ट अंबिकेश प्रताप सिंह की क्लास शुरु हो गई। इसी डांट से नाराज होकर जहां फार्मासिस्ट समेत फीवर क्लीनिक में तैनात डॉक्टर रविशंकर शुक्ला, सुनील कुमार पांडे, सतीश कुमार, शिवांग सिंह बघेल, डॉ विवेक तिवारी ,नर्स रीना पटेल ने साजिश के तहत पूरे मामले पर पर्दा डालने के लिए जिले के आला अधिकारियों समेत कलेक्टर से फर्जी शिकायत किया गया है।

मामले पर पर्दा डालने के लिए किया शिकायत
फार्मासिस्ट अंबिकेश प्रताप सिंह के बचाव में उतरा फीवर क्लीनिक में तैनात डॉक्टर रविशंकर शुक्ला, सुनील कुमार पांडे, सतीश कुमार, शिवांग सिंह बघेल, डॉ विवेक तिवारी नर्स रीना पटेल प्रशासन को गुमराह करते हुए पूरे मामले पर पर्दा डालने के लिए शिकायत किया कि सपोर्ट स्टाफ शिवांग सिंह बघेल को फोन कॉल के माध्यम से धमकी दी गई कि तुम लोग रश्मि सिंह के खिलाफ शिकायत करोगे तो नौकरी खा जाएंगे वही आरोपी पक्ष मामले पर पर्दा डालने के लिए अपने ही डॉक्टर को बताया कि सेंपलिंग टीम में लगी डॉक्टर रश्मि सिंह बिना किसी रिकॉर्ड प्रूफ के वैश्विक महामारी की फर्जी जानकारी आम जनमानस में फैला रही है और बिना रजिस्ट्रेशन की ही सेंपलिंग करती है।

ये है सच्चाई
जबकि सच्चाई यह है कि सहायक स्टाफ शिवांग सिंह बघेल द्वारा फोन करके (रिश्वत) पैसे का ऑफर देकर मामले को दबाने को बोल रहा था। रिश्वत के नाम से ही पत्रकार भड़क गया और खरी-खोटी सुना डाली। जिसके बाद पूरे मामले पर पर्दा डालने के लिए ऑडियो रिकॉर्डिंग का आधा हिस्सा कट कर के सोशल मीडिया में वायरल किया है जबकि सच्चाई यह है कि फोन के द्वारा रिश्वत का ऑफर दे रहा था। और मामले को दबाने के लिए बोल रहा था। इसी बात को लेकर पत्रकार भड़क गया था। मामले को दबाने के लिए कलेक्टर अपर कलेक्टर समेत पुलिस कप्तान को फर्जी शिकायत किया है। वही देखना यह होगा कि जिला प्रशासन आमजन की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते हुए कोरोना का फर्जी रिपोर्ट बनाने वाले पर क्या कार्रवाई करता है।

HNS24 NEWS

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