चंद्रपुर : नगर पंचायत के सफाई की लापरवाही और बारंबार शिकायतों पर भी औपचारिकता निभा रहा शासन के नियम कायदों की खिल्ली उड़ाते नगर पंचायत चंद्रपुर के जिम्मेदार लोग अव्यवस्था को बनाये रखने पर आमादा है।
इसका जीता जागता उदाहरण मेन रोड नेशनल हाइवे पर नाले के समीप *स्वक्ष भारत अभियान” और लाखों खर्च के SLRM सेंटर बनने बाद भी* पुलिस थाने की जमीन जिस से सटा हुआ कोतारी नाले का हिस्सा है, जिसमे डेम के स्टोरेज का पानी भरा है। उस पर नगरपंचायत के सफाई विभाग द्वारा निरन्तर कूड़ा डंप किया जा रहा है , जिसकी सड़ांध से आसपास के रहवासियों का जीना दुश्वार हो गया है। *साईं मन्दिर, साईं मंदिर धर्मशाला और शासकीय चिकित्सालय, पुलिस कालोनी, पुलिस थाना संग रिहायशी बस्ती जिसके आमने सामने है।* जिस वजह से कचरे से उड़ती दुर्गंध ने जीना हराम कर रखा है। ऐसे में शिकायत करने पर महज लीपापोती को ब्लीचिंग पावडर आदि डाल कर नगर पंचायत अधिकारी कर्मचारी पल्ला झाड़ लिया जाता है और इतना ही नहीं कुछ घण्टे बाद ही दुर्गंध पुनः बुरी तरह से प्रभावित कर रही।
हम बता दें कि हवा के साथ दुर्गंध की तीव्रता का असर देखने मिलता है। विषाक्त जहरीली गैसनुमा दुर्गंध सवास्थ्य के लिये जितना असुरक्षित है उस से ज्यादा वर्तमान में उबकाई और रहवाशियो का रहबसर दूभर हो गया है। यदि कचरा डंप करने यही स्थान है तो शासन की स्वक्ष भारत मिशन और लाखों से बने SLRM सेंटर क्या नगरपंचायत की सिर्फ आमजनता से सफाई के नाम टैक्स वसूली और विभिन्न आवश्यक खर्च के हवाले बिल संलग्न करने है।
यदि समय रहते नागरपंचायत के इस कचरा संग्रहण की गैरजिम्मेदाराना हरकत से बाज नही आता तो आमजनता का जीना दूभर करने साथ साथ स्वास्थ्य से खिलवाड़ होगा। वही इस विषाक्त और दुर्गन्धयुक्त कचरे की ढेर पर मंडराते पशु भी आहार के रूप में इस कचरे को ग्रहण कर रहे, कुछ समय पहले ही कुछ पशु इस तरह के गलत आहार से कल कवलित हो चुके है, ऐसे में पुनः निरीह पशुओं की जिंदगी से खिलवाड़ है।
सम्बद्ध अधिकारी इस विषय पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है , पुलिस प्रशासन को आवंटित थाना क्षेत्र की भूमि पर इस तरह का कचरा डम्प कराना शासन की कौन सी नीति है ? प्रदेश सरकार द्वारा नरवा, गरवा, *घुरवा*बाड़ी योजना को नगर पंचायत चंद्रपुर मजाक बना कर नाले पर कचरे का विषाक्त मलमा फैलाने से बाज न आ रहा है। नगरपंचायत। समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई या चलानी कार्यवाही नहीं की तो एक दिन इस विशाक्त का असर आम जन और बेजुबान पशु को झेलना पड़ेगा।