रायपुर, 22 जनवरी, 2021/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर 23 जनवरी को पूर्वान्ह 11.30 बजे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के बायोटेक इन्क्यूबेशन सेन्टर एवं एग्री-बिजनेस इंक्यूबेशन एवं उत्पादन केन्द्र का शुभारंभ करंेंगे। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित इस ऑनलाईन कार्यक्रम के दौरान श्री बघेल 30 करोड़ रूपये रूपए की लागत से बन रहे बायोटेक इन्क्यूबेशन सेन्टर भवन का शिलान्यास करेंगे एवं 2 करोड़ रूपये लागत से नवनिर्मित एग्री-बिजनेस इंक्यूबेशन एवं उत्पादन केन्द्र का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के कृषि विकास एवं किसान कल्याण, जैव प्रौद्योगिकी, संसदीय कार्य, पशुधन विकास, मछली पालन, जल संसाधन एवं आयाकट विभाग मंत्री रविन्द्र चौबे करेंगे।
उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर तथा कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त उपक्रम से स्थापित बायोटेक्नालॉजी पार्क के प्रथम चरण में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में 30 करोड़ रूपये की लागत से बायोटेक इन्क्यूबेशन सेन्टर स्थापित होगा। पंचवर्षीय योजना का क्रियान्वयन दो चरणों में पूर्ण होगा। प्रथम चरण के अंतर्गत इंदिरा गंाधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में बायोटेक इन्क्यूबेशन सेन्टर की स्थापना की जा रही है। सेन्टर की स्थापना दो वर्ष की अवधि में पूर्ण कर ली जाएगी। परियोजना के द्वितीय चरण में रायपुर जिले के आरंग तहसील के ग्राम मुनगी में 9.59 हेक्टेयर भूमि पर बिजनेस इन्टरप्राइज जोन की स्थापना की जाएगी। इसके लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम मुनगी में भूमि आबंटित कर दी गई है। इस केन्द्र में 23 कंपनियों को 3 वर्ष तक अनुसंधान, तकनीकी एवं अधोसंरचना सुविधायें प्रदान की जाएगी। बायोटेक्नालॉजी पार्क में एग्री बायोटेक, हेल्थ केयर बायोटेक, फूड प्रोसेसिंग एवं कृषि आधारित वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-रफ्तार एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के संयुक्त उपक्रम से स्थापित एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेन्टर द्वारा कृषि संबंधित स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए दो अभिनव एवं उद्भव कार्यक्रम प्रारंभ किये गये हैं। अभिनव कार्यक्रम के तहत युवाओं से कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में ऐसे नवाचारी विचार आमंत्रित किये जा रहे हैं जिस पर आधारित स्टार्टअप उद्योग शुरू किया जा सकते हैं। चयनित नवाचारी विचारों के लिए पांच लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसी प्रकार उदभव कार्यक्रम के तहत उन उद्यमियों से प्रस्ताव आमंत्रित किये गये हैं जिनका कम्पनी के रूप में पंजीयन हो चुका है जिनके पास स्टार्टअप संबंधी कोई प्रारंभिक उत्पाद उपलब्ध है जिसका वे व्यवसायीकरण करना चाहते हैं। चयनित प्रस्तावों के व्यवसायीकरण हेतु पच्चीस लाख रूपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी।