रायपुर : प्रदेश के किसान केंद्र सरकार द्वारा कृषि उपजों का न्यूनतम गारंटी मूल्य कानून न बनाये जाने और राज्य सरकार द्वारा दो साल का बाकी बोनस देने और चना गेंहूं आदि उपजों की सरकारी खरीदी करने का चुनावी वायदा पूरे न करने 20क्वीटल धान न खरीदने से नाराज हैं।
किसानों ने कहा, प्रदेश के किसानों को भेंट के लिये समय नहीं देना राज्यपाल की असंवेदनशीलता है।
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के नेतृत्व में प्रदेश के विभिन्न जिलों से राजभवन घेरने के लिये रायपुर आये सैकड़ों किसानों ने प्रेस क्लब के पास से रैली के रूप में राजभवन की ओर कूच किया, प्रदर्शनकारी किसान राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाकर अपने असंतोष को व्यक्त कर रहे थे किसानों हाथों में मांगों से संबंधित तख्तियां और झंडे लिये थे, दरगाह के समीप बेरिकेट लगाकर पुलिस ने किसानों को राजभवन की ओर जाने से रोक दिया,
प्रदर्शनकारी किसान केंद्र सरकार के तीन कानूनों को विरोध कर रहे थे और स्वामीनाथन आयोग के लागत सी-2 पर 50% लाभ जोड़कर कृषि उपजों का न्यूनतम गारंटी मूल्य कानून बनाने की मांग कर रहे हैं इसके अलावा किसान राज्य सरकार से इस बात से असंतुष्ट हैं कि दो साल का बाकी बोनस देने और चना गेंहूं आदि उपजों की सरकारी खरीदी करने का वायदा आज तक पूरा नहीं किया है, किसान राज्य सरकार से प्रति एकड़ 20 क्वि. की दर से धान की खरीदी करने, राजाव गांधी किसान न्याय योजना में सभी किसानों को शामिल करने और प्रति एकड़ 10 हजार रू. आदान की राशि जून माह तक एक मुश्त प्रदान करने और गैर बोर वाले किसानों को भी सिंचाई पंपों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी के बराबर की राशि देने की मांग भी कर रहे थे ।
प्रदेश के किसानों के रायपुर आने की पूर्व सूचना होने के बावजूद, राज्यपाल ने किसान प्रतिनिधियों से सौजन्य भेंट के लिये 5 मिनट का समय भी नहीं दिया और किसान प्रतिनिधियों को राजभवन के सचिवालय में ग्यापन सौंपने का संदेश दिया जिसे किसानों ने ठुकरा दिया किसान इस बात पर अड़ गये कि जब ग्यापन अधिकारी को ही देना है तब राजभवन का कोई अधिकारी आकर उनका ग्यापन ले, बाद में नायब तहसीलदार सोनकर ने किसानों का प्रधानमंत्री और राज्यपाल के नाम अलग अलग ग्यापनों को लिया।
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के किसान प्रतिनिधियों ने केन्द और राज्य सरकार के साथ राजभवन का असंवेदनशील रवैय्या किसानों के साथ अपनाने का आरोप लगाये।
आज के प्रदर्शन में किसान संगठन के केंद्रीय नेताओं राजकुमार गुप्त, आई के वर्मा, झबेंद्र भूषण वैष्णव, दुर्ग जिला के उत्तम चंद्राकर, परमानंद यादव, बद्रीप्रसाद पारकर, बाबूलाल साहू, बंशी देवांगन,पुकेश्वर साहु संतु पटेल, गिरीश दिल्लीवार, पूरन साहू, शंकरराव,अमित हिरवानी,नेतराम,लोकेश,देवशरन साहू,सुमरन साहू ,बलकरण वर्मा, बेमेतरा जिला के रामसहाय वर्मा, पंचम साहू, उमाशंकर साहू, कांकेर जिला के एस आर नेताम, छत्तीसगढ़ी किसान समाज के सुबोध देव आदि प्रमुख रूप से शामिल थे ।