नाबालिग बच्चा छिनने व आत्महत्या के लिए उकसाने वाले पुलिस कांस्टेबलों के ऊपर हुई…अनावेदक के ऊपर हुई fir
HNS24 NEWS October 15, 2020 0 COMMENTSरायपुर 15 अक्टूबर 2020 छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने रायपुर जिले के पंजीकृत प्रकरणों की सुनवाई की। सुनवाई नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के आलोक में राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गए निर्देशों का पालन करते हुए की गयी है अर्थात् सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए, सेनेटाइजर की व्यवस्था करते हुए एवं अन्य आवश्यक उपबंध करते हुए सुनवाई की गयी।
सुनवाई करते हुए अध्यक्ष किरणमयी नायक ने आवेदिका के पति और पुलिस विभाग में शासकीय नौकरी पर कार्यरत पुलिस कांस्टेबल, आवेदिका के 03 साल के बच्चे को अपने घर पर रखा हुआ है। प्रकरण की सम्पूर्ण सुनवाई में यह षड़यंत्र साफ परिलक्षित होता है कि अनावेदकगण तीन साल की नाबालिग बच्चे को उसकी मां को देने को तैयार नहीं है इससे साफ स्पष्ट है कि अनावेदकगण द्वारा आवेदिका को आत्महत्या हेतु उकसाने जैसी हालात पैदा करने उसके नाबालिग बच्चे से दूर करने एवं झूठे मामले में फंसाने आदि दोषारोपण कर उसके 03 साल के नाबालिग बच्चे को छिना है जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए, अनावेदकगणों के विरूद्ध एफ.आई.आर.दर्ज एवं यथोचित कार्यवाही करने हेतु थाना प्रभारी खरसिया, जिला-रायगढ़ को पत्र जारी किया गया।
सुनवाई के दौरान अनावेदक पिता के नशे की आदत के कारण पत्नी और पुत्री को जीवन-यापन के लिए कोई राशि न देकर शासकीय सेवा में ना जाकर प्रताड़ित करता था, जिससे शासकीय सेवा में लगातार अनुपस्थिति के कारण बर्खास्तगी की प्रक्रिया आरंभ हो गई, जिससे शासकीय अभिलेखों को लेकर तहसीलदार अभनपुर को आहूत किया गया और अभिलेखों की विस्तृत विवेचना का आयोग के अभिलेख पर लिया गया, जिस पर अनावेदक ने सहमत होते हुए संवैच्छिक सेवा निवृत्ति पर सहमति दिया और आवेदन पर हस्ताक्षर किए जिससे भविष्य में पेंशन और भविष्य निधि भविष्य में मिलना सुनिश्चित हो गया, अनावेदक ने यह भी सहमति दिया कि पुत्री और पत्नी का 50 प्रतिशत राशि वह (पेंशन राशि, भविष्य निधि) दिए जाने पर सहमत है। उभयपक्षों को सुने जाने के पश्चात् महिला आयोग इस नतीजे पर पहुचा है कि अनावेदक स्वेच्छिक सेवा निवृत्ति पर पेंशन प्रतिमाह राशि और भविष्य निधि राशि का 50 प्रतिशत राशि आवेदिकागणों के खाते में शासकीय कोषालय से सीधे हस्ताक्षरित किया जावे इस सम्पूर्ण प्रक्रिया और आयोग की सम्पूर्ण कार्यवाही की सत्यप्रतिलिपि आयोग के व्यय पर दिए जाने का आदेश दिया गया ताकि समस्त शासकीय कार्य अभिलेख पूर्ण हो सके और आवेदिकागणों को पेशन प्रतिमाह और भविष्य निधि राशि मिल सके।
सुनवाई के दौरान कई ऐसे प्रकरण भी इसी तरह एक प्रकरण में अनावेदकगण द्वारा आवेदिका को दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित से संबंधित शिकायत प्राप्त हुआ। प्रकरण में दोनों पक्षों को को बुलाया गया, प्ररकण में अनावेदक, आवेदिका को दहेज का पूरा सामान वापस करने हेतु तैयार हो गया। उभयपक्षों को कल सुनवाई दिनांक में दिए गए आदेश के पालन में अनावेदक पक्ष अपना शादी में दिए गए सामान की सूची लेकर आयोग के समक्ष उपस्थित हुए तथा आवेदिका पक्ष को सूची की प्रति देकर पावती लिया गया। आवेदिका ने अपनी सूची देने के लिए आयोग से समय की मांग की गई। आयोग द्वारा आवेदिका को दिनांक 19.10.2020 तक सूची जमा करने हेतु निर्देशित किया गया है।
उक्त दिवस में सुनवाई हेतु कुल 19 प्रकरण रखे गये थे। किन्तु 13 प्रकरणों में ही पक्षकार उपस्थित हुए, जिसमें 01 प्रकरणों का सुनवाई पश्चात् निराकरण किया गया। अनेक प्रकरणों में पक्षकार के उपस्थिति नहीं होने पर अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है। आयोग द्वारा पति-पत्नी विवाद, दैहिक शोषण, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, घरेलू हिंसा से सम्बंधित प्रकरणों की सुनवाई की गई।