रायपुर. : दिनांक 22 अप्रैल 2020. कोविड-19 के संभावित मरीजों की सैंपल जांच में तेजी लाने के लिए एम्स के बाद अब डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में भी पूल टेस्टिंग शुरू हो गई है। पूल टेस्टिंग में यहां तीन से पांच लोगों के सैंपल मिलाए जा रहे हैं। विगत 21 अप्रैल को यहां पूल और व्यक्तिगत सैंपल को मिलाकर कुल 60 सैंपल जांच के लिए मशीन में लगाए गए थे। दोनों तरह के सैंपल मिलाकर 21 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में 177 लोगों के सैंपल की जांच की गई थी। उल्लेखनीय है कि यहां 14 अप्रैल से शुरू हुए कोरोना वायरस जांच के अब तक के सभी परिणाम निगेटिव आए हैं।
पूल टेस्टिंग के लिए क्लस्टर के बारे में जानकारी संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। लैब तक सभी सैंपल अलग-अलग भेजे जाते हैं। पूल टेस्टिंग के लिए सैंपल्स की मिक्सिंग आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक लैब में सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए माइक्रोबायोलॉजिस्ट द्वारा की जाती है। जांच के परिणाम निगेटिव आने पर पूल में शामिल सभी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव माना जाता है। वहीं रिपोर्ट पाजिटिव आने पर पूल के सभी व्यक्तियों के सैंपल की जांच अलग-अलग किट से की जाती है। इससे सुनिश्चित किया जाता है पूल में शामिल रहे किस सैंपल की रिपोर्ट पाजिटिव है।
जांच का दायरा बढ़ाने दक्षिण कोरिया में निर्मित 75 हजार आरडी किट की खरीदी
प्रदेश में कोरोना वायरस के ज्यादा से ज्यादा संभावित संक्रमितों की जांच के लिए पूल टेस्टिंग के साथ ही आरडी किट से जांच की रणनीति पर काम किया जा रहा है। अल्पकालिक निविदा के जरिए दक्षिण कोरिया की कंपनी द्वारा निर्मित 75 हजार आरडी किटों की खरीदी की गई है। ये किट जल्द ही छत्तीसगढ़ को मिल जाएंगे। भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को चीन की कंपनी द्वारा निर्मित 4800 आरडी किटों की आपूर्ति की गई है। आईसीएमआर द्वारा चीन से भारत आए आरडी किटों के माध्यम से रैपिड डायग्नोस्टिक पर दो दिनों के लिए रोक लगाई गई है। आईसीएमआर इसके दोबारा उपयोग के बारे में नए दिशा-निर्देश जारी करेगी।