November 22, 2024
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रायपुर : दिनांक12 नवंबर 2019 राजीव भवन में आज पत्रकारों से चर्चा करते हुये कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि भाजपा के पास न कोई कहने के लिये मुद्दा है न घेरने का मुद्दा है अगर वो हमसे जवाब चाहेंगे तो इतना तो जरूर बतायेंगे किसानों को 5 साल 270 रू. देने की घोषणा किया था लेकिन उन्होंने धोखा क्यों दिया विधानसभा में इतना उत्तर तो जरूर दे देना की 300 रू. प्रति वर्ष प्रति क्विंटल बोनस देने का वायदा उन्होंने किया था किसानों के साथ धोखा क्यों किया? इतना तो उत्तर तो वो देंगे न केन्द्र में उनकी सरकार बनने के पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करेंगे इसे लागू क्यों नहीं किया गया इसका उत्तर भी उत्तर देंगे सभी अनाजो मिनिमम सपोट प्राईज डेढ़ गुना करने का वादा किया था तो उसको क्यों नहीं किया? देश में मोदी की सरकार बनने के बाद की उन्होंने के कहा था फेटेलाईजर साइड इनपुट जो होता है आधा कर देंगे कम कर देंगे मंहगाई कम कर देंगे इसको आपने नहीं कर पाया। इन सारे प्रश्न में ज्वलन प्रश्न है जिसका उत्तर उनको पहले देना है तब तो हम प्रश्न करेंगे और हमसे प्रश्न यहीं करेंगे न 2500 रू. प्रति क्विंटल आप अपने संसाधनों से दे रहे हो के मोदी जी प्रधानमंत्री के सपोट से दे रहे हो और इसको तो हम सार्वजनिक कह रहे है। हमारे मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़  के किसानों को पिछले साल भी हम छत्तीसगढ़ की राज्य के बजट से दिये थे और इस साल भी हम छत्तीसगढ़ की राज्य की बजट से देंगे। पिछले साल 80 लाख मेट्रिक टन धान खरीदी की थी इस बार 85 लाख मेट्रिक टन से अधिक धान खरीदेंगे ये हमारा वादा है सरकार का वादा है।

शिकायत लेने के बाद शिकायत भी लोग करते है लेकिन कुछ सुझाव भी आते है कुछ कार्यक्रम की नयी रूपरेखा तैयार की जाती है। जनमानस से लगातार संवाद होगा, संपर्क होगा, कुछ अच्छे सुझाव आ जाते है जिसको लेकर के हम लोगो को लगता है हमारे विभाग में काम हो जाना चाहिये और निश्चित रूप से पहली की तुलना में अब एप्लीकेशन कम आते है परिस्थितिया अलग-अलग होते है। स्थानंतरण सत्र था एप्लीकेशन ज्यादा अभी नगरीय निकाय चुनाव होने वाले है तो कुछ लोगो के रिज्यूम ज्यादा आये है अलग-अलग समय में अलग-अलग प्रकार की बाते आते रहती है। लेकिन मूल रूप से 3-4 प्रमुख बाते आते है। थोड़ा सा कर्मचारी बेरोजगार भी बड़े जागरूक हो गये है उनको भी लगता है राजीव भवन में जाने से उनकी ये समस्या सुन ली जायेगी। इस प्रकार की भी एप्लीकेशन आते है। अभी जैसे धान खरीदी शुरू होना है तो धान खरीदी केन्द्र खोलने की बात आती है। कुछ किसानों ने ज्यादा दिन में धान खरीदी के समय को बढ़ाया जाये इसके बारे में अपना सुझाव देते है। पहले भी पिछले हफ्ते बैठे तो लोगो ने कहा कि किसानों का पंजीयन अभी हो नहीं पाया है इसलिये सरकार को पंजीयन की तारीके बढ़ाना चाहिये। पिछली बार लोगो ने सुझाव दिया था कि बारिश अधिक हो रही हारवेस्टर से कटाई करने वाले किसानों के खेतो में जाने की स्थिति में नही है इस कारण मुख्यमंत्री को हमने सुझाव दिया कि किसानों को 15 दिन बढ़ाया गया लेकिन 15 दिन आगे भी धान खरीदने का वक्त दिया गया है लेकिन किसानो को किसी भी प्रकार तकलीफ न हो उनका धान बचत न रहे इस प्रकार से समस्या आते है एक अच्छी पंरपरा है हमारे राजीव भवन में बैठकर लोगो की बात को सुनना और निंदान करने की व्यवस्था करना। पिछले विधानसभा में सप्लाई का मामला सामने आया था तो हमने विधानसभा में कार्यवाही करने का निर्देश दिया था। कुछ किसानों को दूसरी बार देकर के अगर खानापूर्ति की गयी है, इसके जांच की जायेगी। क्योंकि अगर दूसरी बार एप्लीकेशन किसानों से लिया गया और उसको स्प्रिलिंकर दिया गया तो इसमें कोई खामी है लेकिन एप्लीकेशन लिया और स्प्रिलिंकर नहीं दिया गया अडजेस्टमेंट किया गया तो इसके खिलाफ निलंबित भी करेंगे और कार्यवाही भी करेंगे। लेकिन ये थोड़ा जांच का विषय है। हम लोग भी किसान है जानते है कि किसानों को लगातार सत्त स्प्रिलिंकर की जरूरत होती है पहली बार लेते है दूसरी के खेत में भी लेते है तीन-तीन, चार-चार बार भी लेते है बड़े-बड़े खेत होते है एक बार में स्प्रिलिंकर कितना दिया जाता है। दूसरी बार उनको पाइप लाईन की और जरूरत हो जाती है कि ये जांच करने के बाद ही लेकिन कहीं भी इस प्रकार से करप्शन के कारण दूसरी बार किसानों का एप्लीकेशन लेकर के कागज में कार्यवाही करके कोई अधिकारी किया होगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।

छत्तीसगढ़ सरकार कृत संकल्पित है छत्तीसगढ़ की किसानों की धान खरीदने के लिये इसलिये इस प्रकार की सारी व्यवस्थाओं की शुरूआत भी कांग्रेस सरकार बनते ही शुरू की थी और इस बार भी करेंगे जो क्षतिपूर्ति का आंकलन कर रहे है पूरे धान खरीदी के बचा रह जाता है हमारी केन्द्र सरकार से मांग तो है या लड़ाई जो इसी मुद्दे पर है। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी होगी हमारे यहां जो कस्टम मिलिंग होगा उसके बाद का बचा हुआ धान का स्पादन छत्तीसगढ़ सरकार चाहती है और केन्द्र से चार चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनुरोध किया आज तारीक तक प्रश्न करने तक केन्द्र सरकार ने सहमति नहीं दी है तो यही तो विवाद का कारण है हम लोग चाहते है धान का पूरा निष्पादन हो जाये और छत्तीसगढ़ को केन्द्र की मद्द मिलनी चाहिये। प्रधानमंत्री जी से हम लोग आग्रह करना चाहेंगे कि छत्तीसगढ़ भारत भूमि का हिस्सा है वहां किसानों को अलग करके नहीं देखा जाना चाहिये।

पूरे प्रदेश में कुछ जगह लगभग बारिश हुई है अधिकांश जो सोयाबीन उत्पादक अधिकांश जिले में वहां तो क्षति भरपूर हुआ है। उड़द की फसल तो काफी नुकसान हुआ है। धान की अर्ली वेयराटी का जो धान था उस फसलों को भी कुछ प्रतिशत तक के नुकसान हुआ है। हमने और मुख्यमंत्री जी ने स्पष्ट रूप से जिला कलेक्टरो को और अपने विभाग के अधिकारी को निर्देश दिया हुआ है सर्वे करने के लिये कहा है कि ताकि तत्काल आरवीसी की साहयता उन किसानों को मिल जाये उसके बाद सोयाबीन इतना विस्तृत फसल है उसमें स्वयं किसानों को कवर करने वाले है तो इंश्योरेंस के अधिकारी को भी निर्देश दिया हुआ है जहां-जहां ऐसी शिकायत आयी है वहां इस प्रकार की सर्वे करे आरवीसी की मद्द और इंश्योरेंस की मद्द किसानों को मिलेगी। विभाग को निर्देश दिये हुये है और उसका आंकलन चल रहा है।

वर्षा ज्यादा हुयी जहां धान खरीदी का करते है आज पर्यन्त गीला है, अभी भी बहुत किसान आये हुये है धान खरीदी के पत्रकार मित्रों ने बताया कि खेत गीला है हारवेस्टर खेतो में चल नहीं पा रहा है एकदम अर्ली वेयराटी के कुछ किसानों के धान कुछ हजार क्विंटल अभी मार्केट में आये हुये है लेकिन हम चाहते है कि जितना समय धान खरीदी के लिये प्रदेश में दिया जाता है उतना ही समय राज्य सरकार ने घोषित का इधर 15 दिन अगर बढ़ाया गया तो फरवरी माह 15 दिन आगे उसको बढ़ाया जाये इसलिये किसानों के धान को जितना किसान लायेंगे 15 क्विंटल के हिसाब से हम पूरा खरीदेंगे अभी जो मार्केट में दिख रहा है। उतना तो हमेशा पहले भी शुरूआत होता था अभी वैसी शुरूआत है लेकिन व्यापक पैमाने से किसान उसका स्वागत कर रहे है क्योंकि खेत भी गिला है और पंजीयन का काम भी लेट हुआ किसान ने मांग किया है इसलिये 7 दिन पंजीयन की तारीक बढ़ाया गया था। पहली बार छत्तीसगढ़ में 2500 रू. की धान खरीदी का निर्णय मुख्यमंत्री जी ने लिया तो ऐसे नौजवान जिन्होंने गांव में खेती करना छोड़ दिया था लगभग 2 लाख से अधिक किसान नये गांव में पंजीकृत हुये और लगभग साढ़े तीन लाख एकड़ के अतिरिक्त की जमीन में धान का रकबा बढ़ाया ये संकेत है सरकार के इस प्रकार निर्णयों का किसानों में उत्साह जनक स्वागत किया।

इनका पहले से पंजीयन होता है कितनी जमीन का धान आयेगा किसान की सहमति से तारीके तय होती है और जिन तारीको तक सोसायटी उनको देता इन तारीखो में खरीदी होगी।
सौभाग्य से छत्तीसगढ़ में अभी 10 से 11 महीनें की हमारी सरकार में अधिकांश जो रोजगार के अवसर हो सकते है उसको उपलब्ध करवाये। कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया गया है कुछ प्रोसेसिंग की ईकाईया बढ़ाने के लिये हम लोगो ने राशि स्वीकृत किया है और अरसे बाद एक इतना सरल उद्योग नीति छत्तीसगढ़ को प्रस्तुत किया गया है इस राज्योत्सव में माननीय मुख्यमंत्री जी ने इसका विमोचन किया है और प्रदेश की जनता को समर्पित किया है ताकि उद्योग छत्तीसगढ़ में आये नये लड़को को रोजगार मिल सके। रोजगार के एप्लीकेशन तो आयेंगे पिछले 15-20 सालों में ये जो छत्तीसगढ़ की स्थिति बनी हुयी है लगभग 27 से 28 लाख शिक्षित बेरोजगार हमारे कार्यालय रोजगार दफ्तर के पंजीकृत है। एप्लीकेशन तो आयेंगे लेकिन हम लोगो का प्रयास है रोजगार का अवसर नौकरी से है स्वरोजगार की दिशा में भी कैसे किया जाये सरकार इसके लिये काम कर रही है।

HNS24 NEWS

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