November 22, 2024
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रायपुर/27 अगस्त 2019। अजीत जोगी के जाति मामले पर पलटवार करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अजीत जोगी  द्वारा कांग्रेस सरकार पर जाति मामले में लगाये गये आरोप निराधार एवं तथ्यहीन है। 2003 का विधानसभा चुनाव भाजपा ने अजीत जोगी के नकली आदिवासी होने के मुद्दे पर लड़ा था। चुनाव के बाद अजीत जोगी जी के नकली आदिवासी होने के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ाई लड़ी गयी। सर्वोच्च न्यायालय ने 13 अक्टूबर 2011 को बिलासपुर कलेक्टर पीटिशनर वाले जिस मामले में आदेश दिया। इस आदेश में माधुरी पाटिल के मामले का संदर्भ आदेश 14 के पैरा क्रमांक 5, 6, 9 में दिया गया था और डे-टू-डे हियरिंग कर दो माह में जांच के आदेश दिये गये थे। रमन सिंह सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के दो माह में फैसले देने के निर्देशों के बावजूद दो साल बाद जनवरी 2013 में ले देकर कमेटी बनाई। उच्च स्तरीय जांच समिति का प्रतिवेदन दिनांक 22/04/2013 अदालत में जमा किया गया। 22.6.2013 को पूरक प्रतिवेदन उच्च न्यायालय में जमा भी किया गया। हाई कोर्ट में 18/9/2013 को आपसी सहमति से अजीत जोगी जी और रमन सिंह की सरकार के बीच समझौता कर यह प्रतिवेदन और मामला वापस ले लिया गया। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह जी की सरकार ने तो जानबूझकर प्रक्रियागत त्रुटियां करके अजीत जोगी जी के लंबे समय से लंबित जाति के मामले पर फैसले को रोका है। रमन सरकार के कार्यकाल में लगातार प्रक्रिया पर सवाल लगाकर अजीत जोगी जी की जाति के मामले में निर्णय को बाधित किया जाता रहा। और भाजपा सरकार के निहित राजनैतिक स्वार्थो के चलते इसमें जोगी जी को सहयोग किया। उच्च न्यायालय में हाईपावर छानबीन कमेटी की सिफारिशों को जमा करके भी विधानसभा चुनावों के ऐन पहले रमन सिंह सरकार ने वापस लिया। भाजपा की बी टीम को मदद पहुंचाने के लिये रमन सिंह सरकार ने अजीत जोगी जी के जाति मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की स्पष्ट अनदेखी की जाती रही। छत्तीसगढ़ की जनता ने छजका और भाजपा के इस नापाक गठबंधन को बखूबी समझ कर 2018 के विधानसभा चुनावों में बुरी तरह से नकार दिया था। अजीत जोगी जी का जाति मामला भाजपा और भाजपा की बी टीम की मिलीभगत का जीताजागता सबूत है।

HNS24 NEWS

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