- बंधात्मक एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन में अंदरूनी कलह एवं घमासान की स्थिति
- माओवादी संगठन हो गई है दिशाहीन एवं नेतृत्वहीन
- पुजारी कांकेर मुठभेड़ के दौरान बड़े नक्सल कैडर मैदान छोड़कर भागे।
- जंगल पहाड़ में छुपे हुये माओवादी नेताओं से सम्पर्क न होने से संगठन द्वारा उन्हें मृत घोषित कर लिया गया।
- भ्रम की स्थिति में माओवादी संगठन द्वारा जारी की जा रही प्रेस विज्ञप्तियों में अनेकों विरोधाभाष।
जगदलपुर : दिनांक 22.01.2025 को प्रतिबंधात्मक एवं गैरकानूनी सीपीआई माओवादी संगठन के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के प्रवक्ता द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाकर, दिनांक 16 जनवरी 2025 को जिला बीजापुर के पुजारी कांकेर-तुमरेल क्षेत्र में हुये मुठभेड़ में एसीएम मड़कम जोगी सहित कई माओवादियों के मारे जाने तथा तेलंगाना स्टेट कमेटी सदस्य सचिव दामोदर के जिंदा होने का दावा किया गया है।
उल्लेखनीय है कि दिनांक 16.01.2025 को जिला बीजापुर के पुजारीकांकेर-तुमरेल में हुये मुठभेड़ में सुरक्षा बल द्वारा 05 महिला माओवादी सहित कुल 12 माओवादी कैडर के शव बरामद किये गये। उनकी शिनाख्तगी संबंधित जानकारी जारी की गई। तत्पश्चात् दिनांक 18.01.2025 को दक्षिण बस्तर बस्तर कमेटी सचिव गंगा द्वारा जारी किये गये एक प्रेस विज्ञप्ति में तेलंगाना स्टेट कमेटी सदस्य दामोदर सहित कुल 18 कैडर को पुजारी कांकेर-तुमरेल मुठभेड़ में मारे जाने की बात कर खुलासा किया गया।
प्रतिबंधात्मक एवं गैर कानूनी माओवादी संगठन द्वारा जारी किये गये उपरोक्त दोनों प्रेस विज्ञप्ति में कई विरोधाभाष सामने आया है। इसके पीछे मूल कारण यह है कि दिनांक 16 जनवरी 2025 को जिला बीजापुर के पुजारी कांकेर-तुमरेल में हुये मुठभेड़ के दौरान बारसे देवा, हिड़मा, दामोदर, आजाद, चन्द्रन्ना जैसे बड़े नक्सल कैडर बीच मैदान छोड़कर अपनी जान बचाकर जंगल पहाड़ का आड़ लेकर भाग गये। उक्त बड़े कैडर से सम्पर्क न होने से दिनांक 18 जनवरी को माओवादियों के दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर तेलंगाना स्टेट कमेटी सदस्य दामोदर सहित कुल 18 माओवादियों के मारे जाने की बात का उल्लेख किया गया।
दिनांक 18 जनवरी 2025 को जारी प्रेस विज्ञप्ति के विपरित दिनांक 22 जनवरी 2025 को दक्षिण सब जोनल ब्यूरो द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में तेलंगाना स्टेट कमेटी के सदस्य का जिंदा होने का दावा किया गया।
दिनांक 16 जनवरी 2025 को हुये मुठभेड़ के पश्चात यदि माओवादी संगठन का अपने बड़े कैडर्स के संबंध में स्थिति को स्पष्ट करने के लिये सप्ताह भर से अधिक समय लगने से यह प्रमाणित हो रहा है कि माओवादी संगठन बिल्कुल दिशाहीन व नेतृत्वहीन हो चुका है तथा बड़े कैडर मुठभेड़ के दौरान बीच मैदान छोड़कर कायराना हरकत का परिचय देते हुये अपनी जान बचाने के लिए जंगल-पहाड़ों में कई दिनों तक छुप जाते हैं। इस प्रकार की स्थिति से यह भी प्रतीत होता है कि माओवादी संगठन में स्थानीय कैडर्स एवं बाहरी नेतृत्व के बीच आपसी सामंजस्य व विश्वास खत्म होने के कगार पर है।
माओवादी संगठन द्वारा बुरी तरह से ध्वस्त हुये अपने कैडर के मनोबल को बढ़ाने की असफल प्रयास करते हुये पुजारी कांकेर-तुमरेल मे 06 पुलिस जवानों के शहीद होने का झूठा आधार विहीन तथ्य उल्लेख किया गया है। वास्तविकता यह है कि उक्त मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के किसी भी जवान की शहादत नहीं हुई, माओवादियों के इस प्रकार आधारहीन व झूठे प्रचार से इनकी दयनीय स्थिति व कमजोरी स्पष्ट रूप से नजर आ रही है।
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज द्वारा बताया गया कि विगत 04-05 दशकों से बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा एवं विश्वास का दुश्मन बना हुआ है नक्सल संगठन अपना अंतिम सांस ले रहा है। क्षेत्र की जनता के जानमाल की रक्षा करने के दायित्वों का पुलिस व सुरक्षा बलों के सदस्यों द्वारा अपनी जान की परवाह न करते हुये पूर्ण समर्पित भाव से कार्य निर्वहन किया जा रहा है। माओवादी संगठन के द्वारा क्षेत्र की जनता को दिक्भम्रित करने हेतु प्रयोग किये जा रहे हैं समस्त हथकंडे नाकाम साबित होंगे तथा बस्तर क्षेत्र अतिशीघ्र नक्सल आतंक से मुक्त होगा।
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