January 10, 2025
  • 7:47 pm टीवी पत्रकार खुद ही हुआ करोड़ो रूपये का ठगी का शिकार,
  • 6:34 pm डबल इंजन की सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलने के लिए कर रही है काम : शिवराज सिंह चौहान
  • 6:11 pm केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन ने असम दौरे के दूसरे दिन महत्वपूर्ण विकास कार्यों का जायजा लिया
  • 5:46 pm नगरीय निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण की व्यवस्था जनसंख्या के आधार पर हुई : उप-मुख्यमंत्री अरुण साव
  • 5:24 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार हो रहा है विस्तार

रायपुर : कब लगेगी ब्रेक ,क्यों नहीं हुआ अब तक कार्रवाई, आदेश हो चुकी पर कार्रवाई नहीं। सूत्रों के मुताबिक तो एक मंत्री का ही चल रहा,फिर क्या यह भूल गए कि यह भी एक psc जैसे घोटाले से कम नहीं। कई घोटाले मामले हैं। सरकार इस तरफ कब ध्यान देगी। विधानसभा में तो मुद्दा उठा। अब क्या कार्रवाई हुई,तो किसी के पास जवाब नहीं, एक मंत्री जी बोलते हैं मोरो कुछु मजबूरी है और  मीडिया को चुप कर देते हैं। भोले भाले जनता को क्यों निचोडा जा रहा है। टैक्स पटाते  पटाते जनता का घर टूट रहा साहब। सब जनता की पैसे है साहब। जनता को मूलभूत सुविधा क्यों सस्ती अच्छी नहीं मिल पा रही है।

यह भी एक बड़ा घोटाला है 

छत्तीसगढ़ में CGMSC को मोक्षित कारपोरेशन से इतना लगाव क्यों है कि इतने बड़े पैमाने पर स्वास्थ विभाग में केमिकल की ख़रीदी, वो भी कैसे दाम पर की गई ,इसकी क्यों नही हो रही कोई जांच हुई? बड़ा सवाल है।

Reag 197 etda tube adlt जो कि मोक्षित कार्पोरेशन से 2352 रुपए में प्रति नग लिया गया जबकि अन्य संस्थाओं के द्वारा अधिकतम 8.50 रुपए में लिया गया है। स्वस्थ्य विभाग की 2022 जनवरी से 31 अक्टूबर 2023 तक अरबो रुपये की खरीदी  की गई और इस पर साठ-गांठ करके मोक्षित कार्पोरेशन से की गई है।  हजारो करोड़ का घोटाला एवं बंदरबाट को समझ  सकते है।

जब छत्तीसगढ़ में मरीज़ को क्यों कई बार चारपाई पर कई किलोमीटर परिजन ईलाज के लिए ले जाते हैं यह भी बड़ा सवाल है।

स्वस्थ विभाग ने अपने बजट राशि से 4 गुना राशि का रीएजेंट खरीदा जिसकी जांच तक नही हुई। मतलब आप समझ ही नही पाएंगे कि छत्तीसगढ़ मेडिकल ​सर्विसेस कार्पोरेशन सीजीएमएससी में आख़िरकार क्या चल रहा है! सैकड़ों करोड़ के रीएजेंट की खरीदी की गई। ग्रामीण इलाकों समेत पूरे छत्तीसगढ़ में कई जगह ऐसे जहां पर तो लैब और टेस्ट करने वाली मशीनें तक नहीं है वहां भी खून की जांच में उपयोग होने वाला रीएजेंट भेजा गया। सबसे अहम बात की CGMSC कारपोरेशन की जरूरत ही क्यों है! सिर्फ़ इसलिए कि इससे  घोटाला किया जा सके? सीधा स्वास्थ विभाग क्यों नही ख़रीदारी नहीं करता है?

पढ़े लिखे अधिकारी क्या कर रहे हैं, आखिर उनकी मजबूरी क्या है अधिकारियों की।
भ्रष्टाचार का धंधा होना चाहिए दुकान चलनी चाहिए भले लाचारी ही जनता की क़िस्मत क्यों न बन जाए।क्यों प्रदेश  स्वास्थ्य व्यवस्था पर सुधार  की  दिशा में आगे  नहीं बढ़ पा रही है यह भी बड़ा सवाल है।क्यों हर क़स्बे में सरकारी अस्पताल की सुविधाएं होती हैं !

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT