November 21, 2024
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जगदलपुर : आदिवासियों की आवश्यकताओं के बारे में जागरुकता बढ़ाना है। आइए जानते हैं – छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की परंपरा को विश्व आदिवासी दिवस की शुरुआत साल 1994 में तब हुई थी, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 9 अगस्त को विश्व के आदिवासी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया था। इस दिन को इसलिए चुना गया, क्योंकि 9 अगस्त 1982 को संयुक्त राष्ट्र ने (स्वदेशी आबादी पर कार्य समूह) की पहली बैठक आयोजित की थी आदिवासी समुदायों का दुनिया भर में सांस्कृतिक, सामाजिक और भौगोलिक महत्व है। हालांकि, वे अक्सर अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं और विकास के लाभों से भी अछूते रह जाते हैं। इस दिवस का उद्देश्य है उनकी समस्याओं को उजागर करना और उनके अधिकारों के संरक्षण की दिशा में काम करना है। इसके साथ ही विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों के माध्यम से आदिवासी समुदायों के प्रति जागरुकता लाना है आईए जानते हैं आदिवासी दिवस में क्या हो रहा है बस्तर और छत्तीसगढ़ में आज भी नक्सलवाद हावी है।

HNS24 NEWS

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