बिलासपुर : सिम्स प्रबंधन की मनमानी रुकने का नाम ही नही ले रही है। सिम्स प्रबंधन ने पिछले 20 वर्षो से कार्यरत 9 कर्मचारियों को बिन बताए और बिना नोटिस के रिलीव कर दिया। परेशान कर्मचारी कभी सीएमएचओ कार्यालय तो कभी सिम्स के चक्कर काट रहे है। इसमें से कुछ ऐसे कर्मचारी है जो एक दो माह में ही रिटायर्ड होने वाले है तो कुछ रोग से पीड़ित भी है।
प्रबंधन ने हाईकोर्ट का हवाला देते हुए बुजुर्ग कर्मचारियों को धक्के खाने के लिए छोड़ दिया है,जबकि हाईकोर्ट ने रिलीव करने जैसा कोई आदेश ही नही दिया है।
बतादें की बिलासपुर में सिम्स की स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी इससे पहले जिला अस्पताल और उसके कर्मचारी थे। सिम्स के आने के बाद कुछ कर्मचारी यही रहे और कुछ नए जिला चले गए। सिम्स ने 2011 में इन्हे रिलीव करने का आदेश जारी कर दिया। इसे आदेश को चुनौती देते हुए कर्मचारियों ने हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर ले आया और तब से अबतक सभी कर्मचारी लगातार सिम्स में सेवा दे रहे थे जिसमे कुछ का निधन भी हो गया।
बताया जा रहा है की 2011 में मिले स्टे के बाद अगली सुनवाई में कर्मचारियों द्वारा पेपर बुक जमा नही किए जाने पर हाईकोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया। अब इसे आदेश को लेकर सिम्स प्रबंधन ने 10 कर्मचारियों को सीएमएचओ कार्यालय के लिए रिलीव कर दिया।
सिम्स के आदेश को लेकर कर्मचारियों ने सीएमएचओ में ज्वाइनिंग देनी चाही पर सीएमएचओ कार्यालय ने रिक्त पद नहीं होने की बात कहते हुए उन्हें वापस सिम्स भेज दिया। अब इन कर्मचारियों को न तो सिम्स रख रहा है और ना ही सीएमएचओ कार्यालय। सिम्स और सीएमएचओ कार्यालय के बीच अब ये कर्मचारी पीस रहे है और सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे है। यह जानकारी सिम्स पीड़ित कर्मचारी और केके सहारे (डीन सिम्स बिलासपुर) ने दी।