November 22, 2024
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म
  • 7:40 pm सुरक्षा बल का हिस्सा बनकर होता है गर्व: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बोली महिला कांस्टेबल

रायपुर, 06 जुलाई 2024/स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि जर्जर शाला भवनों में किसी भी स्थिति में कक्षाओं का संचालन न किया जाएं। उन्होंने इस संबंध में कलेक्टरों को प्रेषित अपने पत्र में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि ऐसे शाला भवन जो जर्जर है, उन स्कूलों की कक्षाओं के संचालन के लिए फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में सामुदायिक भवन, अन्य शासकीय भवन का उपयोग किया जाए। शालेय बच्चों की सुरक्षा शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को समस्त शाला भवनों की अद्यतन स्थिति का तीन दिवस के भीतर निरीक्षण करने और आवश्यकतानुसार मरम्मत एवं सुधार कराने के निर्देश दिए हैं।

स्कूल शिक्षा सचिव ने कहा है कि राज्य में 26 जून से नवीन शिक्षा सत्र प्रारंभ हो गया है और शालाओं में अध्ययन-अध्यापन शुरू हो चुका है। शाला प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है। शालाएं स्वच्छ एवं सुरक्षित हों यह सुनिश्चित करने जिला प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा है कि विभिन्न माध्यमों से यह बात शासन के संज्ञान में आ रही है कि कुछ शालाएं अभी भी जर्जर भवनों में संचालित की जा रही है, जो किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को इस बात कि सख्त हिदायत दी है कि जो शाला भवन जर्जर है, उनमें अध्ययन-अध्यापन कार्य न कराया जाए। ऐसे शाला भवन जो मरम्मत के लायक है, उनका जिला स्तर पर उपलब्ध डीएमएफ, सीएसआर या अन्य किसी निधि से मरम्मत कराएं। स्कूल शिक्षा सचिव परदेशी ने स्कूल जतन योजना अंतर्गत चिन्हित शाला भवनों की मरम्मत एवं अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए जिलो को जारी की गई राशि का समुचित उपयोग सुनिश्चित करें।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT