रायपुर ब्रेकिंग : कोयला घोटाला, शराब घोटाला में जांच को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान कहा 2 साल जांच करने के बाद भी ईडी आईटी को कुछ नहीं मिला ,केस अब ईओडब्ल्यू को सौंपा गया है वो क्या कर लेंगे,साय सरकार नगर सैनिक और कोटवार से जांच कराएगी, और सरकार अपनी ताकत का गलत उपयोग कर रही है,सुप्रीम कोर्ट ने भी शराब घोटाले का केस खारिज कर दिया है,कोल वाले मामले में भी ऐसा ही हो रहा है,EOW (ईओडब्ल्यू) रिमांड ले रही है, यह सब बदले की भावना से हो रहा है।
वहीं झिराम घटना के जांच को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा केंद्र में हमारी सरकार आने के बाद झीरम कांड की जांच NIA करेगी,NIA को हमने बार-बार बोला आप जांच नहीं कर पा रहे हैं आप राज्य सरकार को जांच सौंप दीजिए,लेकिन उन्होंने हमें जांच नहीं सौंपा,गृह मंत्री से भी हमने मांग की थी,एनआईए को भी हमने पत्र लिखा था, गृह मंत्रालय को भी हमने पत्र लिखा था,आखिर में उन्होंने कहा चिट्ठी मत लिखिए,यह लोग मजाक कर रहे हैं कि सबूत हमारे जेब में है विजय शर्मा की हिम्मत है कि मेरे जेब से निकाल ले,निकलने का बात कर रहा है,अब सत्ता में बैठे हैं इसका मतलब यह नहीं है कि किसी के जेब में हाथ डालने का अधिकार मिल गया है,आपको किसने अधिकार दे दिया है।
झीरम मामले में धीमी गति से चल रही जांच को लेकर बघेल ने कहा इसलिए कि उसमें सब शामिल हैं,क्या छुपाना चाहते हैं वही तो बात है,मैंने 5 साल तक भारत सरकार को चिट्ठी लिखी है,हमें जांच नहीं सौंपी गई,
नारायणपुर में हुए नक्सली मुठभेड़ को लेकर बघेल ने कहा नक्सल इलाकें में हमने इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया था,जितने भी कैंप खुले हैं हमारे शासन में कैंप खुले हैं,चाहे अबूझमाड़ की क्षेत्र में कहे,चाहे दंतेवाड़ा, बीजापुर और की बात करें,हमारे सरकार में ही नक्सलियों के कोर इलाके में सड़कों का जल भी बढ़ा है और बिजली की व्यवस्था भी की गई है।
राशन कार्ड जॉब कार्ड हमने सब बनाया : भूपेश बघेल EX CM
भूपेश बघेल ने कहा कोर सेक्टर में कैंप खोलने से सुरक्षा बलों की सर्चिंग आसान हो गई है,आज भाजपा अपना पीठ थपथपा रही है,क्योंकि यह सब पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर का दें है।
वहीं सीएम भूपेश बघेल ने रोहिंग्या मुसलमानों को ढूंढने की दी चुनौती ,उन्होंने कहा मामले पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कसा तंज ,कहा उन्होंने जबरदस्ती रोहिंग्या शब्द जोड़ दिया,एक बार पहले भी प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया है,और कर लेंगे दोबारा कर लेंगे।नए केस हमारे पास है,जिन्हें गांव वाला और बीएलओ नहीं जान रहा है,उन्हें स्पष्ट करना चाहिए,परिस्थितियों को बदलने की कवायद गलत है,स्थानीय लोगों को पीड़ा होती है,कई गांव में उन्हें वोट नहीं डालने दिया गया,क्योंकि अचानक उनका नाम मतदाता सूची में आ गया।