November 22, 2024
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रायपुर : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक श्रीचंद सुन्दरानी ने कानन पेंडारी जू में गर्भवती हिप्पोपोटॉमस की मौत को लेकर प्रदेश सरकार और वन मंत्रालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है।  सुन्दरानी ने आरोप लगाया कि रविवार को हुई इस मौत के बाद वन विभाग के अफसर इस मामले की जांच में अब भी ढिलाई का परिचय दे रहे हैं।सुन्दरानी ने कहा कि मौजूदा प्रदेश सरकार के कार्यकाल में वन्य प्राणियों की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही नजर आ रही है। इससे पहले भी हाल में प्रदेश के अनेक हिस्सों में हिरणों के मरने व मारे जाने के मामले प्रकाश में आए हैं। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणियों के संरक्षण व उनकी जरूरतों के प्रति प्रदेश सरकार व वन मंत्रालय की उदासीनता से स्पष्ट है कि सरकार और उसका जंगल अमला अपने कार्य को लेकर कतई संजीदा नहीं है। हाल ही कई हिरणों को पानी की तलाश में शहरी आबादी में भटकते देखा गया है, वहीं शिकारियों ने एक गड्डे में पानी में रासायनिक खाद मिलाकर 12 हिरणों को मौत के घाट उतार दिया। सुन्दरानी ने कहा कि इसी बीच कानन पेंडारी में गर्भवती हिप्पोपोटॉमस की मौत से वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजिमी है। अब सरकारी अफसर इस मामले में महज खानापूर्ति करने का काम कर रहे हैं। प्रदेश में नई सरकार और नए वन मंत्री से यह उम्मीद थी कि वन और वन्य प्राणियों के संरक्षण की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे लेकिन पूरे मामलों में वन मंत्री की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। क्या प्रदेश में ‘वन मैन शो’ सरकार के चलते वन मंत्री का असर नजर नहीं आ रहा है? आखिर इतने संवेदनशील मसले पर वन मंत्री की चुप्पी और अमले के नौकरशाहों की खानापूर्ति से यही संदेश जा रहा है कि सरकार और वन विभाग की उदासीनता और जू-प्रबंधन की लापरवाही से दुर्लभ व विशेष हिप्पोपोटॉमस प्रजाति की सुरक्षा और संवर्धन के प्रयास नाकाम हो रहे हैं। सुन्दरानी ने पिछले छह माह की अवधि में हुई वन्य प्राणियों की मौत के मद्देनजर कारगर कार्रवाई और दोषी गैर जिम्मेदार अफसरों को दंडित करने की मांग की है।

HNS24 NEWS

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