रायपुर : छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग सुर्खियों पर है। विगत 4 वर्षों से शिक्षा विभाग में हो रहे गड़बड़ी की खबर सुनने को मिलती थी। विधानसभा चुनाव नजदीक है मान सकते हैं कि सिर्फ 4 महीने बचे हैं चुनाव को।भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की तैयारी में है राज्य सरकार। 15 सालों से छत्तीसगढ में भाजपा की सरकार थी और उसके बाद भारी वोटों से कांग्रेस भाजपा को हरा कर सत्ता हासिल की ओर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार बनी। जिसके बाद डॉ प्रेम साय सिंह टेकाम जो स्वभाव से सीधे साधे व्यक्तित्व को स्कूल शिक्षा की जिम्मेदारी देकर भूपेश सरकार ने मंत्री बनाया। डॉ प्रेम साय सिंह टेकाम को मंत्री पद से हटाया गया और मोहन मरकाम को उनके जगह मंत्री बना दिया गया और स्कूल शिक्षा विभाग मंत्री रविंद्र चौबे को जिम्मेदारी सौंपी गई।
सूत्रों की माने तो प्रदेश के शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने पार्शों याने 06 अगस्त को मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ जिसमें प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भारतीदासन डीपीआई और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करके पूरी जानकारी मांगी है और तत्काल इसमें कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं।बिलासपुर संभाग की तरह है रायपुर संभाग में भी पदोन्नति के बाद पोस्टिंग पर बड़े पैमाने पर पैसों का लेनदेन हुआ है, जिसके तार मंत्री बंगले से जुड़े हुए बताय जा रहे हैं मनचाही जगह पर पैसों के बदौलत पोस्टिंग दे दी गई और अधिकारियों ने खाली पदों को भी छुपाया है ऐसी जानकारी सामने आ रही है अभी वर्तमान में संयुक्त संचालकों समेत 10 लोगों पर निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है और निलंबित सभी अधिकारी डीपीआई में संलग्न कर दिए गए हैं आगे आने वाले दिनों में भी एक बड़ी कार्रवाई के संकेत शासन प्रशासन के द्वारा दिए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने ( करीबन 3000) पर हुए तबादले को निरस्त करने की तैयारी के निर्देश विभागीय मंत्री रविंद्र चौबे के द्वारा दिए गए हैं , इसलिए शासन इसमें कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती और वह केवट के माध्यम से आगामी मिलने वाले हिस्से को रोकना भी चाहती है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति का सामना विभाग को ना करना पड़े सूत्रों की माने तो पदोन्नति के बाद जितनी भी पोस्टिंग हुई है उन सभी पर लगाम लगाते हुए तबादलों को निरस्त किया जाएगा लेकिन पदोन्नति बरकरार रहेगी।
वैसे तो गरियाबंद जिले का भी मामला सामने आया है, जिसमें एक्शन भी लिया गया।
वैसे भाजपा लगातार जल जीवन मिशन पर भी सवाल उठाते भी रहे हैं, मंत्री गुरु रुद्र कुमार के विभागों पर भी विपक्ष लगातार सरकार का ध्यान आकर्षित करती रही है। भाजपा ने यह भी सवाल उठाए हैं कि आखिर इतनी बड़ी गड़बड़ी हुई कैसे!
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