November 22, 2024
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बिलासपुर : वार्डवासी पहुंचे हाईकोर्ट, जवाब तलब राजनीति और नौकरशाही की जुगलबंदी ने जनता को धकेला पिछड़ेपन की ओर। सभी वार्ड अब ग्रामीण क्षेत्र में बदल कर नगरपंचायत नयाबाराद्वार की तरफ से मिलने वाली नागरिक सुविधाओं पर कोई अधिकार नहीं रखेंगे।

याचिकाकर्ता मनहरण लाल यादव, पीताम्बर सूर्यवंशी व अन्य नगरपंचायत नयाबाराद्वार के वार्ड क्रमांक 11 से 14 के निवासी हैं। उक्त वार्ड 1982 की अधिसूचना के पूर्व ग्राम मुक्ताराजा में सम्मिलित थे। उक्त ग्राम के नगरपंचायत के वार्ड में सम्मिलित होने के बाद से नगरपंचायत के वार्ड के रूप में ही नगरीय स्वरुप में उक्त याचिकाकर्ता निवास करते रहे हैं। नगरपंचायत के उपरोक्त सभी वार्ड छत्तीसगढ़ नगरपालिका अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अंतर्गत नागरिक सुविधाएं प्राप्त करते रहे सक्ती जिला बनाने संबंधी वर्ष 2021 में जारी प्रारंभिक अधिसूचना में राज्य शासन ने संपूर्ण बाराद्वार को सक्ती जिला में ही रखा। परंतु जब याचिकाकर्ताओं को जानकारी हुई कि नगरपंचायत बाराद्वार के वार्ड क्रमांक 11 से 14 जो पूर्व में ग्राम मुक्ताराजा के भाग थे और उनके नगरपंचायत के राजनैतिक समीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण उन्हें नगरपंचायत से पृथक कर दिया जाएगा तो याचिकाकर्ताओं और समस्त वार्डवासियों ने कलेक्टर जांजगीरचांपा के समक्ष बड़ी संख्या में आपत्ति प्रस्तुत की । कलेक्टर ने दिसंबर 2021 में बिना याचिकाकर्ताओं को सूचना दिये सभी आपत्तियों को निरस्त कर राज्य शासन को ग्राम मुक्ताराजा के क्षेत्र को नगर पंचायत में सम्मिलित करने की अनुशंसा प्रस्तुत कर दी। नगरपंचायत के वार्ड के पृथक्करण और नए वार्ड के जोड़े जाने संबंधी शक्तियां संविधान के अनुच्छेद 243 और छग नगरपालिका अधिनियम 1961 के अंतर्गत केवल राज्यपाल के पास हैं और राज्य शासन को उपरोक्त प्रस्ताव राज्यपाल के समक्ष विहित प्रक्रिया में प्रस्तुत करना था परंतु विहित प्रक्रिया को पालन किए बिना राज्य शासन ने अंतिम अधिसूचना जारी कर दी और नगरपंचायत नयाबाराद्वार के दो टुकड़े करते हुए वार्ड क्रमांक 11 से 14 के भाग को नगरीय से ग्रामीण क्षेत्र में धकेल दिया।

याचिकाकर्ताओं के द्वारा अधिवक्ता वरुण शर्मा के माध्यम से याचिका प्रस्तुत करते हुए संविधान के 73वें संशोधन और नगरपालिका अधिनियम के प्रावधानों के आधार पर राज्य शासन के द्वारा अवैध रुप से राजनैतिक उद्देश्य के लिए किए गए नगरपंचायत के अवैध विभाजन को चुनौती दी गई। राज्य शासन के इस तुगलकी फरमान के विरुद्ध प्रस्तुत याचिका पर माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति  रजनी दुबे की एकलपीठ ने राज्य शासन, नगर पंचायत नयाबाराद्वार, कलेक्टर जांजगीर चांपा और अन्य को जवाब प्रस्तुत करने हेतु अवसर दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी ।

HNS24 NEWS

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