भूपेश सरकार का पैसा आखिर कौन डकार लिया, नगर पालिका चंद्रपुर (CMO) के काले कारनाम का हुआ उजागर
HNS24 NEWS January 15, 2023 0 COMMENTSचित्रा पटेल : सक्ती : नए जिला शक्ति क्षेत्र के चंद्रपुर आए दिन सुर्खियों में बना रहता है। इस क्षेत्र का विधायक रामकुमार यादव है। नगर पालिका अधिकारी चंद्रपुर का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। सरकार के पैसे का खजाना लूट खसोट हो रहा है।
नगर पालिका चंद्रपुर (CMO) के काले कारनाम का उजागर हमने कई बार किया है। ED लाइट हो या नगर निगम के दुकानों पर अवैध कब्जा या फिर जमीन पर अवैध कब्जा या फिर बोर खनन की बात हो। यहां तो एक ही बोर वेल को कई बार कागजी पर बना कर सरकार के पैसे को नगर पालिका चंद्रपुर के कर्मचारी और अधिकारी डकार ले रहे हैं, चार सालों से चल रहा है कारनामा चाहे भाजपा के अध्यक्ष और cmo मीलकर पूरा पैसा खा गए और जांच कुछ नहीं होता है।
इसी कड़ी में हम आपको एक और भ्रष्टाचार का मामला बताते हैं। नगर पंचायत चंद्रपुर में एल ई डी लाईट क्रय कर भ्रष्टाचार के बारे में प्रकाश बताया था आज हम आपको बताना चाहते है आखिरी मुख्य नगर पालिका अधिकारी अपने कार्य के पहचान एक भ्रष्ट अधिकारी के रूप कैसे बना लिया है और मोहन मुरीली की मोहक राजनीति आवाज से विगत दो वर्षों के अवधि में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार करके भूपेश सरकार की खजाना लूटने की होड़ मचा दिया है । नगर पंचायत चंद्रपुर के कैशियर तथा तत्कालीन लेखाप्रभारी ने शाखा चंद्रपुर इलाहाबाद बैंक के चेक क्रमांक ने शाखा चंद्रपुर इलाहाबाद बैंक के चेक क्रमांक 005311 तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी चंद्रपुर ने कोरे चेक में हस्ताक्षर कराकर राशि को गबन करने के आशय से जारी कराया जाना पाया गया था नगर पंचायत ने कैशियर के विरुद्ध थाना प्राथमिकता दर्ज कराया था और व्यवहार न्यायालय में आई पी सी धारा 420 467 468 471 के तहत कार्यवाही के लिये प्रकरण दर्ज कराया था नगर पंचायत के द्वारा कैशियर के विरुद्ध लगे आरोपों पर विभागीय जाच किया आरोप प्रमाणित पाये जाने पर दिनांक 30/9/2019 को नगर पंचायत के सेवा से बर्खास्त कर दिया गया कैशियर ने बर्खास्त आदेश के विरुद्ध न्यायालय अपील आदेश पर सेवा से बर्खास्त होने के बाद दिनांक 22/12/2021 को नगर पंचायत चंद्रपुर में कार्यभार ग्रहण किया इस तरह बर्खास्त कैशियर को नगर पंचायत में 26 महीने 21 दिन से कर्तब्य से हटाया गया था आपको बता दे की अपील न्यायालय ने बर्खास्त कैशियर के प्रकरण में केवल सेवा में बहाली करने का आदेश पारित किया गया कैशियर के विरुद्ध नगर पंचायत के द्वारा लगे आरोपों से मुक्त नही किया और बर्खास्त अवधि को सेवा में बिताई गयी अवधि मान्य नही किया है दूसरी तरफ व्यवहार न्यायालय में आपराधिक प्रकरण दर्ज भी था परन्तु मुख्य नगर पालिका अधिकारी चंद्रपुर ने बर्खास्त कैशियर पर मेहरबान होकर सारे नियम कानून को ताक फिराक में रखकर लेखापाल का प्रभार सौपाऔर बर्खास्त अवधि का सपूर्ण वेतन की राशि का भुगतान कर दिया जबकि कानून में प्रावधान है जब शासकीय कर्मचारी की सेवामुक्ति न्यायालय के द्वारा निरस्त कर दी जाती है और वह शासकीय कर्मचारी के बिना आगे जाच चलाये बहाल कर दिया जाता है तब कर्तव्य से अनुपस्थिति की अवधि न्यायालय के निर्देशो के अधीन अनुबंधों के अनुसार वेतन और भत्तों का भुगतान किया जायगा सरकार के ‘कानून से मुख्य नगर पालिका अधिकारी चंद्रपुर को कोई सरोकार नही है और न ही किसी से डर है अपना अलग कानून चलते है यहाँ तक कि नगर पालिका अधिनियमो के प्रावधान के विपरीत बर्खास्त कैशियर के विरुद्ध जारी आपराधिक प्रकरण में दुर्भि संधि करके व्यवहार न्यायालय को गुमराह किया जिस पर प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही प्रकियाधीन है मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने अंधा कानून के बलबुते अंधा बनके बर्खास्त कैशियर का संपूर्ण वेतन राशि का भुगतान करके शासन के खजाने का लूट मचा रखा है और अपना श्रेय का माल पहनकर उच्चस्थ अधिकारियों को ठेंगा दिखा रहा है परन्तु समीप के जिम्मेदार नियंत्रण अधिकारी इस अधिकारी के विरुद्ध शिकायतो को सिर्फ जाच टीम बनाकर दो वर्षो से खानापूर्ति मात्र किया है cmo चंद्रपुर के कार्यप्रणाली के रवैया से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है और मिल भी रहा है, जिसमे प्रशासन की छबि पर सवाल उठना शुरू हो गया है मुख्य नगर पालिका अधिकारी अपने अंधे कानून पर भरोसा रखते हुए चरितार्थ वाक्या..जाको राखे साईया मार सके ना कोय को सही साबित करने का पुरजोर में प्रयास में लगा है प्रशासन के आला अधिकारी अभी तक कुंभकरण की तरह नींद से सोया हुआ है।