November 22, 2024
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दन्तेवाड़ा :  दंतेवाड़ा जिले में पहली बार छह महिलाओं को ट्रैक्टर चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से दिया जा रहा है। अभी तक सिर्फ पुरुष ट्रैक्टर चलाते पुरुष देखे जाते थे पर अब दंतेवाड़ा में महिलाओं को भी चालक बनाने की पहल शुरू हो गई है।

नक्सलगढ़ दंतेवाड़ा में तेजी से घूम रहा नारी सशक्तीकरण का पहिया। शक्ति पीठ मांई दंतेश्वरी की नगरी दंतेवाड़ा में नारी शक्ति सदैव पूजनीय और सम्मानीय रही हैं। यहां विभिन्न नवाचार के जरिए महिलाओं को आगे लाने का प्रयास होता रहा है। इस वार गढ़वो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प को आत्मसात करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र दंतेवाड़ा ने अनुकरणीय और शानदार पहल की है। इसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। केंद्र ने छह महिलाओं को ट्रैक्टर चलाने का प्रशिक्षण दिया और सशक्तीकरण की मिसाल कायम की है। एक दौर था जब ट्रैक्टर ड्राइविंग में केवल पुरुषों का ही एकाधिकार था, लेकिन अब

महिलाएं भी इसमें आगे आ रही हैं। कृषि विज्ञान केंद्र ने इन्हें बारीकी से प्रशिक्षण दिया। इनका लाइसेंस भी बनवाया गया। कृषि कार्य के लिए अब ड्राइवर के इंतजार में किसानों को भटकना नहीं पड़ेगा। वैसे भी दक्षिण बस्तर में किसानी का पूरा दारोमदार महिलाओं पर ही रहा है। ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग के बाद इन्हें किसानी में भी मदद मिलेगी। नवीन तकनीकों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर कृषि के क्षेत्र में दंतेवाड़ा को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कृषि विज्ञान केंद्र ने सर्वोच्च स्थान दिलाया है। ग्राम हिन्दनार की उषा यादव, राजकुमारी, ग्राम कासोली की चम्पा अटामी, पुष्पा पटेल, ग्राम झोडियावाड़म की शर्मिली नाग तथा ग्राम हारम की पूजा कश्यप ने भाग लिया। ये सभी प्रशिक्षित हो चुकी है तथा सभी का लर्निंग लाइसेंस भी आरटीओ से बनवाया जा चुका है। विज्ञान केंद्र, दंतेवाड़ा द्वारा महिलाओं के नवीन आजीविका सृजन के लिए टैक्टर के रखरखाव व संचालन का प्रशिक्षण दिया गया है। अब ये प्रशिक्षण पूरा कर ट्रैक्टर चलाकर सक्षम हो गई हैं। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रतिदिन इन्हें सुबह आठ से 10:30 बजे तक प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के अंतर्गत ट्रैक्टर के रखरखाव, ट्रैक्टर की इंजन की जानकारी तथा विभिन्न यंत्रों के उपयोग आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है। ट्रैक्टर के चलाने से युवतियों का मनोबल बढ़ा है। ट्रैक्टर चलाकर अब ये खेती किसानी में अधिक योगदान दे सकती हैं तथा आत्मनिर्भर बन गई हैं।

HNS24 NEWS

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