श्रीराम सेतु के अस्तित्व को नकार मोदी सरकार ने हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया – कांग्रेस
HNS24 NEWS December 23, 2022 0 COMMENTSरायपुर : प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने संसद में भाजपा सांसद कार्तिकेय शर्मा के एक प्रश्न के जवाब में भगवान श्री रामसेतु के अस्तित्व को नकार दिया है, कहा कि कुछ पत्थरों के अवशेष मिले है। लेकिन कह नहीं सकते कि वह राम सेतु है।
कांग्रेस की नरसिम्हा राव की सरकार के समय 1993 में नासा के माध्यम से सेटेलाईट के कुछ तस्वीर लेकर उसका विश्लेषण किया था, जिसमें यह अनुमान लगा कि यह पुल मानव निर्मित है। अर्थात कांग्रेस की सरकार ने यह स्थापित करवाया सेतु बंधु रामेश्वरम में स्थिति श्रीराम सेतु का अस्तित्व हैं दुर्भाग्यजनक है कि आज भाजपा उसको नकार रही है।
भारत के दक्षिण पूर्व में रामेश्वरम और श्रीलंका के पूर्वोत्तर में मन्नार द्वीप के बीच पौराणिक श्रीराम सेतु उपलब्ध है। लंका युद्ध के पूर्व भगवान श्रीराम ने अपनी वानर सेना और सेना के दो वीर नल-नील के सहयोग से सेतु बंधु रामेश्वरम पुल बनाया था, जिसके माध्यम से वानर सेना लंका पर चढ़ाई करने गयी थी।
भगवान श्रीराम के सेतु बंधु रामेश्वरम के श्री राम सेतु को सेतु मानने से भाजपा ने नकार दिया है।
मंत्री जितेन्द्र सिंह का संसद में दिया बयान भाजपा का असली चरित्र है। जिस भाजपा ने भगवान श्री राम के नाम पर अपनी राजनीति को चमकाया। भगवान श्रीराम के नाम 2 सीट से पूर्ण बहुमत की सरकार केंद्र में और अन्य राज्यों में बनाया। आज वही भाजपा श्रीराम सेतु के अस्तित्व को नकार रही है। भाजपा का यह कृत्य निंदनीय है। श्रीराम सेतु के सवाल पर भाजपा ने कांग्रेस को झूठा बदनाम किया। हकीकत यह है इसके पहले भी भाजपा की अटल बिहारी की सरकार में जहाजरानी मंत्री रही टी.आर. बालू ने भी श्रीराम सेतु को नकारा था, हलफनामा दिया था। भाजपा मूल रूप से धर्म विरोधी है तथा धर्म को अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिये उपयोग करती है। हकीकत में उसका चरित्र धर्म विरोधी है। उसके लिये धर्म का अर्थ सिर्फ मतों के ध्रुवीकरण करने के लिये मात्र होता है। भाजपा धर्म का उपयोग भावना को भड़काने के लिये करती है।
पत्रकारों से चर्चा करते हुये प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा कि वाजपेयी के सरकार में टीआर बालू साहब जहाजरानी मंत्री थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 10 जुलाई 2020 को एक पत्र लिखकर यह स्वीकार किया कि अटल बिहारी सरकार में जहाजरानी मंत्री होने के नाते सेतुसमुद्रम योजना बनाई थी। इसका शुभारंभ तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. वाजपेयी ने किया था। उसके बाद हालात बदलते गये, राजनीति बदलती गयी। वर्तमान में मोदी इस देश के प्रधानमंत्री बन गये। टीआर बालू आज भी सांसद है, भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी है। उन्होंने मोदी से मांग किया था कि वाजपेयी सरकार के समय चालू की गयी जहाजरानी परियोजना को फिर से आगे बढ़ाया जाये। भाजपा के इस झूठ को बेनकाब करने के लिये टीआर बालू का पत्र पर्याप्त है।
पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस सचिव अजय साहू उपस्थित थे।
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