November 22, 2024
  • 5:07 pm मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवम्बर को बिलासपुर में 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण
  • 1:16 pm सभी जनप्रतिनिधियों और किसानों को सहकारिता से जोड़ा जाए – केदार कश्यप
  • 1:13 pm मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सीमेंट ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह में हुए शामिल
  • 12:37 pm सुकमा जिले में आज सुबह सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 10 नक्सलियों को मार गिराया
  • 6:28 am मुख्यमंत्री ने सपरिवार देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म

रायपुर। छत्तीसगढ की राजधानी रायपुर में रेडियोलॉजी की नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित है। जेल रोड स्थित होटल में चल रही ये कॉन्फ्रेंस दो दिनों की है। इसमें देशभर से रेडियोलॉजी एक्सपर्ट और डॉक्टर्स पहुंचे हैं। पहले दिन इस कार्यक्रम में बच्चों से जुड़ी बीमारियों और उनके डायग्नॉस पर बात-चीत की गई। एक्सपर्ट्स ने ऐसे केस को स्टडी किया जिनमें लोगों में जागरुकता की कमी के चलते बीमारी और परेशानी बढ़ी। लोगांे को भी जानकारी दी गई ताकि वो बीमारी को वक्त रहते समझें और इसका फायदा मरीज को मिले।

नेशनल इण्डियन रेडियोलोजी एंड इमेजिंग एसोसिएशन की छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ अश्फाक अहमद उस्मान और सेक्रेट्ररी प्रोफेसर डॉ आनंद जयसवाल ने बताया कि यहां CME(कंटीन्यूएड मेडिकल एजुकेशन) के तहत एक्सपर्ट्स ने बहुत से टॉपिक्स पर बात की। एक्सपर्ट्स ने बताया कि अक्सर लोग कई मामलों में शरीर के भीतर होने वाली तकलीफों को नजरअंदाज कर रहे हैं, इससे मेडिकल केस बिगड़ने की संभावना बढ़ती है।

डॉ उस्मान ने बताया कि बच्चों के पेट दर्द की समस्या सोसयटी में काफी आम परेशानी है। जब बच्चे को परेशानी होती है तो बहुत से लोग पेट की मालिश करवा देते हैं। ऐसे मामले पिछले कई सालों से शहरों और गांवों में हो रहे हैं। देखा गया है कि मालिश की वजह से बच्चे की पेट का मामूली अपेंडिक्स बड़ा रूप ले लेता है। सर्जरी तक की नौबत आ जाती है। रेडियोलॉजी में ऐसे कई टेस्ट और तकनीक मौजूद है जिससे लोग सही इलाज हासिल कर सकें।

रेडियोलॉजी के तहत होने वाले काम
रेडियोलॉजी चिकित्सा क्षेत्र के के एक ऐसी शाखा है जहां मरीजों का अंदरूनी रोगों के बारे में पता लगाया जाता है। जब किसी डॉक्टर को पता नहीं चलता कि मरीजों के शरीर के अंदर क्या हुआ है तब एक्स-रे रेडियोग्राफी, सिटी स्कैन, अल्ट्रा सोनोग्राफी, पीईटी, एमआरआई, आदि टेस्ट करने के लिए कहा जाता है।

छत्तीसगढ़ को मिली मेजबानी
27 नवंबर रविवार को भी ये एजुकेशनल टॉक्स एक्सपर्ट्स जारी रखेंगे। डॉ मोहम्मद हसन ने बताया कि ये टॉक्स पूरे देश में होते हैं। इस बार मेजबानी का मौका छत्तीसगढ़ को मिला है। बच्चों की ब्रेेन, हार्ट, से जुड़ी आंतरिक बीमारियों की जांच पर पीजीआई चंडीगढ़ समेत, हैदराबाद, रायपुर एम्स जैसे शहरों से देश के प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट से यहां 250 एक्सपर्ट्स अपनी स्टडीज शेयर कर रहे हैं। ताकि छत्तीसगढ़ में भी रेडियोलॉजी के क्षेत्र में बेहतर काम हो सकें।

आज के कार्यक्रम
27 नवंबर रविवार को इस कॉन्फ्रेंस में हैदराबाद से डॉक्टर सिकंदर शेख पेड्रियाटिक रेडियोलॉजी क्विज कंपटीशन आयोजित करेंगे। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज की 12 टीमें इस प्रतियोगिता में भाग लेंगी। एक्सपर्ट ब्रेन,हॉट से जुड़ी विभिन्न बीमारियों पर अपने व्याख्यान भी देंगे। कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ एटी दाबके, छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य विभाग के सचिव आर प्रसन्ना, डीएमई डॉ विष्णु दत्त और रायपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर तृप्ति नगरिया भी शामिल होंगी।

HNS24 NEWS

RELATED ARTICLES
LEAVE A COMMENT