रायपुर। राज्य सरकार द्वारा खराब सड़कों को ठीक करने पेचवर्क कार्य किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा पूरे राज्य में चलाए जा रहे पेचवर्क के कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण सड़कें फिर उखड़ेंगी और सड़कों को खराब कर देंगी। राज्य सरकार ने इस कार्य के लिए लोक निर्माण विभाग को संभागवार अपने क्षेत्र में सड़कों पर गड्ढे को पेचवर्क कर ठीक करने का काम सौंपा है। हर संभाग को इसके लिए अगल से राशि आबंटित की गई है।
सड़कों पर गड्डों को ठीक करने के लिए बेस डालने के बाद उस पर डामर मिक्स मिक्चर डालकर बराबर करना था। राज्य शासन द्वारा बारिश के बाद यह कार्य शुरू किया गया। दीपावली के बाद अधिकतर सड़कों पर पेचवर्क शुरू किया गया है। पेचवर्क में गड्डों को भरने बेस नहीं डाला जा रहा है। यहां डामर और मिक्स गिट्टी को डालकर उस पर रोलर चला कर दबा दिया जा रहा है। यहां सड़क के लेबल का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। पेचवर्क जहां पर किया जा रहा है, वह मुख्य सड़क से ऊपर हो गई है। सड़क के लेबल ऊपर नीचे होने और गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देने के कारण पानी भरने पर यह सड़क फिर से वहां पर उखड़ने की पूरी संभावना जताई जा रही है। शहरी क्षेत्रों की ज्यादातर सड़कें भरने और निकासी नहीं होने के कारण खराब हुई हैं। रोड संधारण कार्य व्यवस्थित तरीके से नहीं होने के कारण गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पूरा कार्य संभाग के ईई की देखरेख में हो रहा है। प्रदेश की खराब और जर्जर सड़कों की मरम्मत तथा नवीनीकरण का कार्य दिसम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश हैं। प्रत्येक सड़क का वर्क प्लान तैयार करें और सड़कों के संधारण का कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाए।
कार्यादेश जारी करने में देर
लोक निर्माण विभाग रायपुर के संभाग क्रमांक 2 के कार्यपालन अभियंता द्वारा सड़क के रखरखाव एवं मरम्मत कार्य पेच रिपेर्यस के कार्य आदेश तत्काल प्रभाव से जारी नहीं करने के कारण कार्य प्रभावी ढंग से शुरुआत नहीं हो पाई है। शिकायत आने पर जब उनके अधीनस्थ अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पत्राचार किया गया, उसके बाद पेच रिपेयर्स का कार्य का आदेश जारी किया गया।
4700 किमी सड़कों का पेचवर्क
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में लगभग 5 हजार किलोमीटर की सड़क सामान्य स्थिति में है। 5 हजार 92 किलोमीटर सड़क पर छोटे-मोटे पेचवर्क की आवश्यकता है। 4700 किलोमीटर की सड़कें जो थोड़ी खराब की स्थिति में हैं, उसमें पेचवर्क कर ठीक किए जा रहे हैं। बताया गया है कि हर संभाग में करीब 50 लाख की राशि का आबंटन किया गया है।
जांच करने चलित प्रयोगशाला
विभाग को शिकायत मिलने के बाद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सड़कों की गुणवत्ता की जांच करने के लिए पांच चलित प्रयोगशाला वाहन को सभी पांच संभागों में भेजा है। इन चलित प्रयोगशालाओं से निर्माणधीन सड़कों पर इनपैक्ट वैल्यू टैक्स, डामर की जांच, ग्रेडेशन, फील्ड डेनसिटी आदि की जांच की जाएगी।
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