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रायपुर /6 नवम्बर 2022/ कांग्रेस ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की लापरवाही के कारण हाईकोर्ट में आदिवासी समाज का आरक्षण कम हो गया । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पूर्व मुख्य मंत्री रमन सिंह से पूछा कि हाई कोर्ट में पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर की कमेटी और मुख्यसचिव की कमेटी के बारे में क्यो छुपाया था ?जब आरक्षण बढ़ाने के लिए इन दोनों ही कमेटियों का गठन किया गया था और इनकी सिफारिशों को ही आरक्षण बढ़ाने का महत्वपूर्ण आधार बनाया गया था । अदालत में जब 50 फीसदी आरक्षण को बढ़ा कर 58 किये जाने के खिलाफ मुकदमा दायर हुआ तब रमन सरकार ने अदालत में इस मुकदमे के सम्बंध में जो एफिडेविड दिया उसमें इन दोनों ही कमेटियों के बारे में उल्लेख क्यो नही किया ?यह सामान्य भूल नहीं हो सकती ।अदालत में सरकार के तरफ से महाधिवक्ता और वरिष्ठ वकीलों का पैनल खड़ा होता है अतः यह तो माना ही नही जा सकता कि इन कमेटियों को बिना किसी कारण के अदालत से छुपाया गया होगा जबकी इस मुकदमे को जीतने का बड़ा आधार ही आदिवासी समाज की 32प्रतिशत जनसंख्या और इन दोनों कमेटियों की सिफारिश थी ।यह कोताही बताती है कि रमन सरकार ने आदिवासी समाज के आरक्षण के खिलाफ मुकदमे को जानबूझ कर हारने की नीयत से ही यह षड्यंत्र रचा था ।अदालत में चले मुकदमे में समय अधिक लगने के कारण यह फैसला अब आया जब रमन सरकार की बिदाई हो चुकी है।अदालत में कांग्रेस सरकार के महा अधिवक्ता ने जब दोनों कमेटी की सिफारिशों को रखना चाहा तब अदालत ने यह कह कर अनुमति नही दिया कि पूर्व में दायर एफिडेविड में इन कमेटियों के अस्तित्व के बारे में कोई उल्लेख नही है।इससे साफ है कि आदिवासी समाज का आरक्षण कम होने की गुनाहगार भाजपा है।

पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश के आदिवासी वर्ग को 32 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। उच्च न्यायालय के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है आदिवासियों के हित में राज्य सरकार देश के नामचीन वकीलों को खड़ा कर 32 प्रतिशत आदिवासी आरक्षण के पक्ष को मजबूती से रख रही है और कानूनी लड़ाई लड़ रही है । आदिवासी वर्ग को उनका अधिकार देने के लिए आवश्यकता पड़ी तो राज्य सरकार विधानसभा की विशेष सत्र बुलाने से भी पीछे नहीं हटेगी। जरूरत पड़ेगा तो अध्यादेश भी लाया जायेगा।इस बीच कांग्रेस हर मंच से भाजपा के षड्यंत्रों को बेनकाब करेगी।

HNS24 NEWS

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