डॉ उरांव वरिष्ठ चिकित्सक बनाये गए प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी मालखरौदा : आखिर क्यों नही दिया गया पदभार ? क्या है मामला….
HNS24 NEWS April 7, 2019 0 COMMENTSछत्तीसगढ़ : जांजगीर जिला 07 अप्रेल , मालखरौदा,5अप्रेल शुक्रवार की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी से अनुमोदन प्राप्त कर डॉ के.एल.उरांव वरिष्ठ चिकित्साधिकारी सामुदायिक स्वास्थ केंद्र मालखरौदा का प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी नियुक्त किया है , इस सम्बंध में जिला विभागीय जिला का प्रभारीखण्ड चिकित्सा अधिकारी नियुक्त किया है, इस सम्बंध में विभागीय जिला कार्यालय ने आदेश दिनांक 5/04/2019 जारी कर डॉ के.के.सिदार चिकित्सा एवं प्रभारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मालखरौदा का प्रभार सौंपने का निर्देश जारी किया गया है ।,इसके पूर्व भी आदेश जारी कर डॉ के एल उरांव को करभरी खण्ड चिकित्साधिकारी बनाये जाने का सूचना दिया गया था। इसके बावजूद भी डॉ सिदार द्वारा उच्च कार्यालय के आदेश की गलत ब्याख्या कर प्रभार दिए जाने के सम्बंध में किसी प्रकार की रुचि नही दिखाया गया पूर्व आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान आदेश जारी किया गया है । उल्लेखनीय है कि डॉ के एल उरांव 25 वर्षो से अधिक का चिकित्सा अधिकारी के रूप में तथा 5 वर्षो से प्रभारी खण्ड चिकित्सा आधिकारी का प्रभार का अनुभव रखते है , इसके कार्यकाल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन ब्यवस्था में उलेखनीय सुधार हुआ था, यह भी उलेखनीय है कि छ. ग. शासन सामान्य प्रशासन विभाग ने यह स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि विभागीय प्रमुख का प्रभार वरिष्ठता सहयोग्यता के आधार पर दिए जाने का निर्देश दिया गया है, इसके बावजूद भी इन्हें प्रभार से वंचित कर कनिष्ठ एवं परिक्षावधिन चिकित्साधिकारी के अधीन कार्य करने को मजबूर किया गया था इसे देखते हुए प्रभार को लेकर डॉ उरांव द्वारा माननीय न्यायलय में अवमानना याचिका दायर किया गया था, जिसके जवाब में शासन की ओर सर डॉ उरांव को प्रभार दिए जाने आशय की जानकारी माननीय न्यालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था , और इसी आधार पर अवमानना याचिका निराकृत किया गयाहै । आशा की जाती है कि एक वरिष्ठ एवं अनुभवी चिकित्सक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का प्रभार दिए जाने से प्रशासनिक ब्यवस्था एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन में समुचित सुधार होगा।
हम आपको बता दे कि यह मामला पूर्व में आदेश पारित हो चुकी है।को इस प्रकार है..
07 दिसम्बर 2018 को महानदी द्वारा आदेश ,
8 मार्च 2019 का आदेश ,
26 मार्च2019 को खंड चिकित्सा अधिकारी का दस्तावेज ,
28 मार्च2019 जांजगीर जिला ,चिकित्सा अधिकारी द्वारा दस्तावेज , शामिल है। यह मामला बहुत गोल मटोल नजर आ रही है।
10 मार्च2019 की रात से लागू है अचार सहिंता ।