मुख्य चौक से होते हुए सड़कों पर बाजे गाजे  के साथ निकली। देश के इतिहास में पहली बार किन्नरों का सामूहिक विवाह हुआ। ऐसा पहली बार होगा कि किन्नरों की शादी पुरुषों से हुई ।समारोह में छत्तीसगढ़ के 6 जोड़े हैं, बाकी के जोड़े बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल से आए हैं।

फिल्मों गानों के धुन पर किन्नरों ने साथियों की शादी के मौके पर जमकर ठुमके लगाये। आपको बता दें कि इसमें वो दूल्हे शामिल हैं जिन्हें ट्रांसजेंडर से प्यार हो गया था और पिछले कई सालों से लिव-इन में  रहा हैं। अब ये जोड़ा भी दाम्पत्य के बंधन में बंध गए है। शुक्रवार को आयोजित हल्दी और मेहंदी की रस्म में जोड़ों को हल्दी-मेहंदी लगाई गई। इस मौके पर किन्नरों जमकर डांस किया। इसमें 15 जोड़ों का विवाह हुआ। दुल्हन के रूप में सजी किन्नरों के साथ युवकों ने शादी की रश्में निभाईं और अग्नी के सात फेरे लेकर उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

समलैंगिकता का अपराध खत्म होने के बाद पहली बार किन्नरों का सामूहिक विवाह पहली बार हो रहा है। इस शादी के जरिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की भी तैयारी हो रही है। हिंदू रीति-रिवाज से सभी रस्में पूरी की गईं। पचपेड़ी नाका स्थित पुजारी पार्क में मंडप सजाया गया और यहीं इन जोड़ों ने वैवाहिक जिंदगी में प्रवेश किया। चित्राग्राही फिल्म्स की पहल पर आयोजित किन्नरों का विवाह पूरे विधि विधान से संपन्न हुआ। दूल्हे घोड़ी पर चढ़कर बारात ले कर निकले और अपनी दुल्हन को डोली में बिठाकर लाया।

पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल इन 15 जोड़ो को सगुन देकर आशीर्वाद दिए,व गृहमंत्री तांब्रध्वज साहू, फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहुच कर 15 शादी के जोड़े में बंधे किन्नरों को आशीर्वाद दिए।