रायपुर : कांग्रेस के उदयपुर संकल्प शिविर के फॉर्मूले से संगठन में कई बदलाव होंगे। वहीं पार्टी के कई नेताओं का भविष्य भी प्रभावित होगा। चिंतन शिविर में युवाओं और वरिष्ठों को आधा-आधा पद दिए जाने, एक व्यक्ति एक पद और एक परिवार से एक को ही टिकट देने के निर्णय से कई बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस संगठन का यह निर्णय सभी राज्यों में लागू होगा। छत्तीसगढ़ में भी इसे लागू करने का संकल्प लिया गया है। निर्णय का बड़ा असर उन कांग्रेस नेताओं के परिवारों पर पड़ेगा, जिसमें दो से अधिक सदस्य सक्रिय राजनीति में हैं।
संगठन में पांच साल से अधिक समय तक एक ही पद में रहने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। इसके दायरे में कई प्रदेश पदाधिकारियों के आने की संभावना है। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल न सिर्फ एक व्यक्ति एक पद के दायरे में आएंगे, बल्कि वे पांच साल से अधिक समय से इस पद पर बने हुए हैं। इस लिहाज से भी वे फैसले की जद में आएंगे। इसी प्रकार जिला और ब्लॉक कांग्रेस के कुछ अध्यक्ष भी इस दायरे में है। हालांकि अभी कांग्रेस संगठन का चुनाव होना है। माना जा रहा है कि उसमें इनकी छंटनी हो जाएगी। संगठन स्तर पर 180 दिन में सभी नियुक्तियों को पूरा किया जाना है। इन नियुक्तियों के साथ ही पार्टी में बदलाव भी दिखना प्रारंभ हो जाएगा। एक व्यक्ति एक पद के तहत सत्त्ता और संगठन में पद पाने वाले कई कांग्रेस नेता दायरे में आएंगे। इन्हें एक पद छोड़ना होगा। संगठन में भी यह लागू किया जाएगा।
फुलो को छोड़ना होगा एक पद
संगठन में एक व्यक्ति एक पद के दायरे में राज्यसभा सदस्य फुलोदेवी नेताम भी आएंगी। खनिज विकास निगम के अध्यक्ष व प्रदेश उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन भी दो पदों पर हैं। नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल भी सरकार और संगठन में दो पदाें का जिम्मा संभाल रहे हैं। इस तरह अगर संकल्प शिविर के फैसले लागू होते हैं, तो फुलोदेवी नेताम को महिला कांग्रेस के अध्यक्ष का पद, रामगोपाल अग्रवाल और गिरीश देवांगन जैसे दिग्गज नेताओं को भी संगठन के एक पद को छोड़ना पड़ सकता है।
इन नेताओं पर भी पड़ेगा भारी
कांग्रेस नेता जिनके परिवार में कई लोग पार्टी की सक्रिय राजनीति में हैं, उनके ऊपर भी उदयपुर चिंतन शिवर का फैसला भारी पड़ेगा। छत्तीसगढ़ के कई नेता ऐसे हैं, जिनके परिवार से एक से अधिक सदस्य सांसद और विधायक के अलावा निगम मंडल में पद प्राप्त कर चुके हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के परिवार में उनकी पत्नी ज्याेत्सना महंत सांसद हैं। वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा के परिवार से उनके पुत्र पंकज शर्मा जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं।
इन नेताओं के रिश्तेदार भी सक्रिय
मंत्री टीएस सिंहदेव के परिवार से उनके भतीजे आदित्येश्वर सिंहदेव जिला पंचायत उपाध्यक्ष हैं। मंत्री कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। इसी तरह मंत्री शिव डहरिया की पत्नी शकुन डहरिया प्रदेश कार्यसमिति सदस्य हैं। उन्हें राज्यसभा भेजने को लेकर भी जोर आजमाइश की जा रही थी। विधायक धनेंद्र साहू, अमितेश शुक्ल, अरुण वोरा के पुत्र और पारिवारिक सदस्य भी राजनीति में सक्रिय हैं। कांग्रेस विधायक डॉ. विनय जायसवाल की पत्नी महापौर हैं। इसी तरह कई नेताओं के परिजन संगठन में भी काम कर रहे हैं।
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