एथेनॉल को लेकर केंद्र सरकार को सीएम भूपेश बघेल ने घेरा…कहा हमने 3 साल पहले प्रस्ताव भेज चुके हैं.. लेकिन अनुमति नहीं मिली
HNS24 NEWS April 22, 2022 0 COMMENTSरायपुर : एथेनॉल को लेकर कल सरकार ने बैठक ली थी।एथेनॉल को लेकर CM भूपेश बघेल ने कहा देखिए हमारा तीन साल पुराना प्रस्ताव है भेजने वाली बात ही नहीं है पहले से प्रस्ताव है जब से हमारी सरकार बनी है उसके दूसरे महीने ही प्रस्ताव भेज दिया था कि हमें ध्यान से एथनॉल बनाने की अनुमति दिया जाए भारत सरकार में बैठके हुए लोगों के समझ में ये अंतर है कि वह चाहते हैं कि पैरा से एथनॉल बनाएँ भूसा से बनाएँ उसके बाद गन्ना एवं मक्का से भी बनाए, मक्का एवं गन्ना इन एथनॉल प्लांट लग रहा है मक्का का कोंडागांव में और गन्ना का कवर्धा से दोनों के निर्माण कार्य जारी है
जो हम लोग माँग कर रहे हैं वो धान से है भारत सरकार के पास तो चावल पड़ा है 32 रुपये में नहीं 22 रुपये में देने को तैयार हो गए उसके बाद भी नहीं लिया गया इसलिए हमने कहा कि हमें धान से एथनॉल बनाने की अनुमति दी जाए, और धान के एथनॉल का रेट तय होना चाहिए भारत सरकार अभी तक रेट तय नहीं किया है।
आख़िर राज्य सरकार जो धान ख़रीदती है केंद्र सरकार की अनुमति से ही ख़रीदती है पिछले साल भारत सरकार जितने हमने काम माँग किया था उतना नहीं ख़रीदे आख़िर में उस धान को हमें नीलामी करना पड़ा इसी कारण सरकार को घाटा बर्दाश्त करना पड़ा।
हमारा कहना है कि आप ख़रीद नही रहे हमको अनुमति दीजिए, ये कहते हैं कि कनकी से अनुमति ले लो और हम कानकी से अनुमति लेते हैं तो हमें कानकी मार्केट से ख़रीदना पड़ेगा यह इससे भारत सरकार और राज्य सरकार को कोई फ़ायदा नहीं होगा, न ही इसे किसानों को फ़ायदा मिलेगा अनुमति देते हैं तो पहले एफसीआयी यानी केंद्र सरकार को फ़ायदा मिलेगा दूसरे राज्य सरकार को राहत होगी और तीसरा सबसे बड़ी बात यह है कि हमारे अन्नदाता फ़ायदेमंद होंगे
साथ ही उन्होंने बताया कि जब धान को हम सोसाइटी लाते हैं ख़रीदी के बाद उन्हें संग्रहण केंद्र में रखते हैं संग्रहण केंद्र से राइस मिलिंग करते है इतने सारे ट्रांसपोर्टेशन हैंडलिंग सुरक्षा चार्जर्स का बचत होना है यदि धान का एथनॉल प्लांट खोल दिया जाए तो सीधा प्लांट के पास ही किसान धान बेचेंगे, वही धान ख़रीदने की व्यवस्था कर दी जाएगी इससे अधिक ख़र्च नहीं होगा
सीएम ने रेट को लेकर कहा एक में 59 रुपया और एक में 54 रुपये है, यदि उन सब 60 रुपया भी रखते हैं, सवा दो किलो में एक लीटर एथनॉल मिल जाता है धान से करेंगे तो हो सकता है ढाई किलो हो यदि 9 रुपया प्रोसेसिंग लगता है 50 रुपया धान का मानने को भी फ़ायदा ही होगा किसानों को दाम मिलेगा और राज्य सरकारों केंद्र सरकार पर भार कम होगा।
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