रायपुर।नगर निगम में आर्थिक तंगी के चलते अधिकारियों-कर्मचारियों को होश उड़े हुए हैं। 1400 कर्मचारी-अधिकारियों को आधा माह गुजरने के बाद भी जनवरी माह का वेतन नहीं मिला। इससे कर्मचारियों को आर्थिक परेशानी से जूझना पड़ रहा है। निगम के इतिहास में यह पहला मौका है, जब उनके अधिकारियों-कर्मियों को अपने ही वेतन के लिए अफसरों के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। जबकि प्रभारी आयुक्त ने सोमवार तक वेतन मिलने का आश्वासन दिया था।
रायपुर नगर निगम के पास अपने कर्मचारियों व अधिकारियों को वेतन देने पैसे नहीं हैं। हर महीने 8.50 करोड़ रुपए कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और प्लेसमेंट के कर्मचारियों का मेहनताना देने में खर्च होते हैं। इस बार वेतन देने के लाले पड़ गए हैं। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है, राज्य शासन से राशि की मांग की गई, पर शासन से अब तक राशि नहीं मिल पाई। इसके अलावा नगर निगम के राजस्व विभाग की वसूली अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रही है। रेवेन्यू जनरेट नहीं हो पाने से आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यूजर चार्ज से राजस्व वसूली पर असर
संपत्ति कर के भुगतान में इस बार यूजर चार्ज को प्राॅपर्टी टैक्स में जोड़कर वसूला जा रहा है। करदाता को यूजर चार्ज का भुगतान करना अनिवार्य है। इसके बिना प्राॅपर्टी टैक्स नहीं लिया जा रहा। ऐसे में कई करदाता यूजर चार्ज भुगतान करने से कतरा रहे हैं। राजस्व अधिकारियों का कहना है, बड़े करदाता प्राॅपर्टी टैक्स का भुगतान करने राजी हैं, पर यूजर चार्ज देना नहीं चाहते। इस वजह से नगर निगम की राजस्व वसूली प्रभावित हो रही है। इसका सीधा असर अब कर्मचारियों के वेतन पर पड़ा है। पहली ूबार निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने के भी पैसे नहीं हैं।
माहांत तक मिलेगी सैलरी
पहले हमने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया है, फिर पेंशनर और नियमित सफाई कर्मचारियों की सैलरी रिलीज की है। पार्ट-पार्ट में राशि रिलीज कर रहे हैं। सभी अधिकारियों-कर्मियों को माहांत तक वेतन मिल जाएगा।
– अभिषेक अग्रवाल, प्रभारी आयुक्त, ननि रायपुर